संवाद न्यूज एजेंसी, लखनऊ

Updated Sun, 03 Nov 2024 05:23 AM IST

Leaders go to temples and mosques for political gains: Ulama



लखनऊ। कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार नसीम सोलंकी के मंदिर में पूजा करने को लेकर उलमा ने इसे सियासी फायदे के लिए किया गया कार्य बताया।

मरकजी शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि सियासी नेता हमेशा अपना कार्य सियासी नफा-नुकसान के हिसाब से करते हैं। उनके कार्यों को आस्था की बुनियाद पर देखना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीति से जुड़े मुस्लिम समुदाय के लोग मंदिर जाते हैं या फिर हिंदू समुदाय के नेता दरगाह और मस्जिदों में जाते हैं तो उनका मकसद सर्वसमाज को संदेश देना होता है कि हम सभी धर्म का सम्मान करते हैं और हम सभी के काम करेंगे। ऐसे में अगर नसीम सोलंकी मंदिर गई थीं तो इसे आस्था के नजरिये से जोड़ना या देखना सही नहीं है। उनका संदेश भी सर्वसमाज को साथ लेकर चलने का है।

सियासी लोगों के कार्य पर निर्णय लेना ठीक नहीं

दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफयान निजामी ने कहा कि ईमान का ताल्लुक इंसान के दिल का मामला है। ऐसा कोई भी काम जो इस्लामी शिक्षाओं के खिलाफ हो, उससे बचना चाहिए ताकि उसके ईमान या मुसलमान होने पर सवाल न खड़ा हो सके। सियासत से जुड़े किसी भी व्यक्ति के अमल की बुनियाद पर किसी के बारे में फैसला लेने में जल्दबाजी करना ठीक नहीं है।



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