रायबरेली। स्वच्छ भारत मिशन की हकीकत देखने के लिए शनिवार को पंचायतीराज निदेशक अटल कुमार राय की टीम आई। सतांव ब्लॉक के दरीबा में निर्मित जिला पंचायत रिसोर्स सेंटर (डीपीआरसी), रिसोर्स रिकवरी सेंटर (आरआरसी) का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद डीपीआरसी में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि जिले के सभी 1551 राजस्व गांवों को 31 जनवरी 2025 तक मॉडल घोषित कर दिया जाए। इसमें कतई लापरवाही न बरती जाए।

उन्होंने कहा कि सभी अपूर्ण जन सुविधा केंद्रों का काम 31 दिसंबर तक पूरा करा लिया जाए। अंत्येष्टि स्थलों पर पौधरोपण कराकर उपवन बनाए जाएं, जिससे धुएं से प्रदूषण कम हो सके। बाउंड्री बनाने के लिए फैब्रिकेटेड ब्रिक के प्रयोग पर शोध कर लिया जाए। ग्राम पंचायतों का समस्त फोकस जन सुविधा केंद्र के माध्यम से अधिक से अधिक सुविधा देने का काम किया जाए।

सभी नवनियुक्त पंचायत सहायकों की ट्रेनिंग डीपीआरसी में कराई जाए। भविष्य में स्वयं की आय के आधार पर ही ग्राम निधि दी जाएगी, इसलिए सभी ग्राम पंचायतें अपनी आय बढ़ाने पर जोर दें। उन्होंने डीपीआरसी की बाउंड्री व गेट का काम शीघ्र पूरा कराने के आदेश भी दिए।

पंचायतीराज निदेशक ने जिले में सावधि सेवा देने वाले तीन पंचायत सहायकों व तकनीकी नवाचार के माध्यम से आदर्श गांव बनाने वाली डीह प्रधान को प्रशस्तिपत्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। उन्होंने डीह प्रधान को भविष्य में मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए आवेदन करने का सुझाव भी दिया। इस मौके पर उप निदेशक साश्वत आनंद सिंह, राघवेंद्र द्विवेदी, जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी राजेंद्र प्रसाद, डीपीआरओ सौम्यशील सिंह, राहुल सिंह आदि मौजूद रहे।



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