उरई। कृषि विज्ञान केंद्र में मिलेट्स प्रसंस्करण, पैकिंग सह विपणन केंद्र का भूमिपूजन बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा के निदेशक प्रसार डॉ. एनके बाजपेयी ने किया। उन्होंने कहा कि अन्न फसलों (मिलेट्स) से बने उत्पाद हर घर के भोजन की थाली का हिस्सा होना चाहिए ताकि सभी को आवश्यक पोषण सरलता से मिल सके।

ऐसे में ऐसी परियोजनाओं का परिणाम सकारात्मक प्रयास के साथ-साथ फलदाई होगा। परियोजना का निर्माण बुंदेलखंड के प्रत्येक जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में किया जाना है। जिसका फायदा इस परिक्षेत्र के किसानों और आम जनमानस को होगा। आगामी वर्षों में बुंदेलखंड न्यूट्रिसीरीयल (पोषण वाले अनाज-श्री अन्न) को पैदा करने का प्रमुख परिक्षेत्र बन जाएगा। निदेशक प्रसार ने कार्यदाई संस्था के अधिकारियों को निर्देशित किया कि कार्य की गुणवत्ता और समय से निर्माण कार्य पूर्ण हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। भूमि पूजन के बाद निदेशक ने ग्रामीण महिलाओं को आटा चक्की वितरित की।

केंद्र के अध्यक्ष डा. मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि बुंदेलखंड की जलवायु श्री अन्न फसलों (मिलेट्स) के अनुकूल होने के कारण प्रदेश सरकार द्वारा इन फसलों के उत्पादन, प्रसंस्कण एवं विपणन को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके लिए केंद्र पर इस परियोजना में निर्माण कार्य, मशीनरी एवं अन्य खर्चो के लिए 95 लाख आवंटित हुए हैं। इस दौरान कृषि वैज्ञानिक डॉ. मंजुल पांडेय, डॉ. राजकुमारी, डॉ. विस्टर जोशी, डॉ. मारूफ अहमद, शिवशंकर चतुर्वेदी, मोहित गोस्वामी आदि मौजूद रहे।



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