
यूपी में प्रसव कराने के नियम बदले।
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सीएमओ के अधीन सीएचसी में कार्यरत गाइनकोलॉजिस्ट जरिए साल भर में 60 सिजेरियन प्रसव कराने होंगे। इससे कम सिजेरियन या डिलवरी कराने पर उनका वेतन रोका जाएगा। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में यह निर्देश दिए गए हैं। जिले में अभी सीएचसी पर गाइनकोलॉजिस्ट रात के वक्त सिजेरियन की बजाए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर देती है। इससे कई सीएचसी पर अभी तक डिलवरी का ग्राफ कम है। विभाग जरिए सभी गाइनी डॉक्टरों का रिकार्ड सीएचसी से तलब किया गया है। जिनका टॉरगेट पूरा नहीं होगा उनका वेतन रोका जाएगा।
सीएमओ के अधीन 21 समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन हो रहा है। सभी सीएचसी पर संविदा व स्थाई मिलाकर 37 गाइनकोलॉजिस्ट तैनात हैं। इसमें हर सीएचसी पर दो-तीन विशेषज्ञ हैं। कई गाइनी डॉक्टरों जरिए डिलवरी का ग्राफ कम है। ये मुद्दा जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में हुआ था। डीएम ने कम डिलवरी कराने वाली विशेषज्ञ का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। अफसरों का कहना है हर विशेषज्ञ को माह भर में करीब पांच सिजेरियन या सामान्य प्रसव कराने होंगे। इसका सख्ती से अनुपालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह के मुताबिक, सभी सीएचसी से रिकार्ड मांगा गया है। जिनका लक्ष्य पूरा नहीं होगा उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा।