Drains are not draining water, waterlogging is causing cracks in walls

जलभराव से दीवार पर आई दरार।
– फोटो : संवाद

उरई। शहर की आबादी लगातार बढ़ रही है पर विकास की रफ्तार धीमी है। पालिका हर दो से तीन महीने में विकास कामों की पोटली खोलती है, लेकिन उन मोहल्लों और गलियों को अब भी बजट की आस है, जिनमें अब तक सड़क, पानी, बिजली, नाली नहीं पहुंच पाई है। इन्हीं समस्याओं से इंदिरा स्टेडियम के सामने नया पटेलनगर, हड्डी मील जूझ रहा है।

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इस मोहल्ले की आबादी करीब तीन हजार है। अगर इस मोहल्ले की नई बस्ती जोड़ी जाए तो आबादी करीब पांच हजार हो जाएगी। आसपास कई अस्पताल और डॉक्टरों के निवास हैं। मोहल्ले में कई मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है। जो सुविधाएं मिली हैं। वह भी सालों पहले मिली थीं। इससे अब वह भी आखिरी सांस गिन रही हैं। नालियों की सफाई नहीं होती, सड़क टूटी चुकी हैं, बिजली के लिए अधिक दूरी पर खंभे हैं, पानी के लिए नलकूप नहीं है। कुछ गलियों में पानी के लिए लाइन पड़ी है। इन समस्याओं के लेकर की गई अमर उजाला की पड़ताल। ईओ पालिका राम अचल कुरील ने बताया कि हर वार्ड में निरीक्षण करके विकास कामों को करवाने के लिए सूची तैयार की जा रही है। जो शिकायतें मिल रही हैं। उनका समाधान भी किया जा रहा है। नया पटेलनगर में कई सड़क बननी हैं। योजना बनाई जा रही है। सफाई करवाने के लिए कर्मचारी भेजे जाएंगे।

50 गलियों में 20 कच्ची, सड़क पर बहता गंदा पानी

इंदिरा स्टेडियम के ठीक सामने गई गली की शुरूआत ही गंदगी से होती है। यहां बनी नाली टूटी है। इससे गंदगी सड़क पर बह रही है। आगे चलने पर घरों के बाहर नाली का पानी भरा हुआ है। कई दिनों से सफाई नहीं हुई। खाली प्लाटों में पानी जा रहा है। जलनिकासी न होने से गंदे पानी से होकर छोटे से लेकर बड़े निकलते हैं। सफाई न होने की शिकायत हर गली की है। 50 गलियों में 20 कच्ची पड़ी हैं। गंदा पानी सभी में सड़क पर बह रहा है। निकासी नहीं होने से पानी घरों और दीवारों के पीछे जा रहा है। कई दीवारों में दरारें आ गई हैं।

पानी और बिजली की भी झेलते किल्लत

पानी के लिए कोई नलकूप मोहल्ले में नहीं है। कुछ गलियों में ही पेयजल पाइप लाइन आई है। लेकिन पानी रात को 12 बजे ही आता है। पीछे मोहल्ला में पानी के लिए स्वयं के हैंडपंप और दूसरे के घरों से पानी भरा जाता है। बिजली के लिए कई गलियों में अब तक खंभे नहीं लगाए गए हैं। दूरदराज से लोग केबल लाकर बिजली जला रहे हैं। वहीं, गलियों में लगे खंभों में पालिका ने स्ट्रीट लाइटें भी नहीं लगवाई हैं। रात भर अंधेरा पड़ा रहता है। करीब 50 खाली प्लाटों में पानी भरा मिला। इससे गंदगी और दुर्गंध से लोग परेशान हैं।

लोगों की बात-

कलमेंद्र ने बताया कि पानी निकासी के लिए कोई नाला नहीं बना है। कच्ची सड़क होने से बारिश के समय आवागमन ठप हो जाता है। जहरीले कीड़े निकलते हैं। रात में रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं है। आशीष शिवहरे ने बताया कि कई गलियों में अब तक बिजली की केबल नहीं पहुंच पाई हैं। केबल और खंभा लगवाने के लिए कई बार शिकायत की। पानी के लिए भी परेशान होते हैं। सोहन लाल ने बताया कि सफाई कर्मचारी आते हैं। सड़क पर सफाई करते चले जाते हैं। पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। नीचे की दीवार तक खराब हो गई है। आशा ने बताया कि गंदगी सड़क पर बह रही है। नाली टूटी पड़ी हैं। बच्चे इसी गंदे पानी से होकर निकलते हैं। बुढ़ापे पर अगर बाहर बैठना भी चाहो तो दुर्गंध से बैठ नहीं पाते हैं।



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