– 83998 अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के हुए आदेश, महज 11677 ही गिराए गए
– झांसी में हैं 2707 अवैध निर्माण, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 10 तक मांगा जवाब
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश सरकार की सख्ती के बाद भी विभिन्न शहरों में अवैध निर्माणों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस स्थिति से नाराज हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से 10 फरवरी को अवैध निर्माणों के संबंध में जवाब दाखिल करने को कहा है। सभी विकास प्राधिकरणों से मांगी गई रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 13 सालों में प्रदेश के प्रमुख शहरों में 1.77 लाख से अधिक अवैध निर्माण हुए। झांसी में 2707 अवैध निर्माण चिह्नित किए गए हैं। इनमें से करीब आधों को ध्वस्त करने के आदेश हो चुके हैं।
हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में बहुमंजिला इमारतें तेजी से बढ़ रही हैं और सरकार को इसकी जानकारी तक नहीं है। हाईकोर्ट ने यह भी टिप्पणी की है कि नया सर्वे करा लिया जाए तो और भी चौंकाने वाली जानकारियां मिलेंगी। हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद की ओर से एक जनवरी 2012 से 31 दिसंबर 2024 तक तैयार कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक 177018 अवैध निर्माण के मामले दर्ज किए गए।
इनमें से 83998 अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के स्तर पर पारित हुआ, लेकिन सिर्फ 11677 ही गिराए गए। इससे साफ है कि ध्वस्तीकरण के आदेश के बाद भी शहरों में 72 हजार से अधिक अवैध निर्माण अब भी वैसे ही बने हुए हैं।
शासन के एक अधिकारी के मुताबिक हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में हुए अवैध निर्माण की पूरी रिपोर्ट तैयार कराई गई है। इसे हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश में व्यापक स्तर पर अवैध निर्माण को गिराने की तैयारी भी चल रही है। इसके लिए उच्च स्तर पर अनुमति मिलने का इंतजार है।