
यूपी के झांसी से लावारिस लाश के साथ बेकदरी का एक शर्मनाक मामला सामने आया है। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कराना ही पुलिसकर्मी भूल गए। 18 दिन बाद शव से जब भीषण बदबू उठने लगी, तब उनकी नींद टूटी। बदबू ने मोर्चरी में खलबली मचा दी।

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बोरी की तरह लाश को लादकर ले गया एंबुलेंस कर्मी
– फोटो : अमर उजाला
बदबू इतनी थी कि पुलिस वालों ने साथ जाने से किया इनकार
शनिवार को आनन-फानन में शव को अंतिम संस्कार के लिए भेजा गया लेकिन, भीषण बदबू की वजह से कोई पुलिसकर्मी उसके साथ जाने को राजी नहीं हुआ। ऐसे में एंबुलेंस चालक को मजबूरन शव को अंतिम संस्कार के लिए अकेले लेकर जाना पड़ा।

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बोरी की तरह लाश को लादकर ले गया एंबुलेंस कर्मी
– फोटो : अमर उजाला
200 मीटर तक पीठ पर लादकर ले गया शव
शव को दो सौ मीटर पीठ पर लादकर उसने बड़ागांव गेट बाहर मुक्तिधाम पहुंचाया। यहां उसका अंतिम संस्कार हुआ। सोमवार को इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अभी तक शव की शिनाख्त नहीं हो सकी है।

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पीठ पर लाश लेकर जाता कर्मी
– फोटो : अमर उजाला
क्या कहते हैं नियम?
बताया जाता है कि 18 दिन पहले महरानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में लावारिश हाल में 40-42 साल के एक युवक का शव बरामद हुआ था। पंचनामा भरकर शव मोर्चरी में रखवा दिया गया। 72 घंटे बाद इसका पोस्टमार्टम हुआ। नियमों के मुताबिक पोस्टमार्टम के तुरंत बाद लावारिश लाश का विधि विधान से अंतिम संस्कार कराया जाना चाहिए लेकिन, पुलिसकर्मियों ने अंतिम संस्कार न कराकर वापस उसे मोर्चरी भिजवा दिया।

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पीठ पर लादकर लाश लाया कर्मी
– फोटो : अमर उजाला
इसके बाद 18 दिनों तक उसका ख्याल किसी को नहीं आया। शनिवार को जब भीषण बदबू उठी, तब जाकर खलबली मची। आनन-फानन में शव बाहर निकालकर अंतिम संस्कार के लिए भिजवा गया। किसी कर्मचारी के साथ जाने से इन्कार करने पर एंबुलेंस चालक को अकेले ही उसका अंतिम संस्कार करना पड़ा। एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है।