09:45 AM, 05-Jun-2025

आज 11:25 से 11:40 के बीच होगी प्राण प्रतिष्ठा

राम दरबार समेत आठ देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा पांच जून को गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर सुबह 11:25 से 11:40 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में होगी। गंगा दशहरा के दिन सिद्ध योग भी बन रहा है। इसी दिन रामेश्वरम की भी प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। सुबह छह बजे से प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू हो गया। सुबह देवताओं का पूजन यज्ञमंडप में किया गया। इसके बाद प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू कर दिया गया।

पूजन, भोग, आरती के बाद अनुष्ठान का समापन होगा। समारोह में संघ, विहिप व भाजपा से जुड़े पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया है। स्थानीय साधु-संतों की भी मौजूदगी रहेगी। जातीय मंदिरों के संतों को भी बुलाया गया है। सभी के लिए परिसर में ही लंच पैकेट की व्यवस्था की गई है।

09:42 AM, 05-Jun-2025

यज्ञमंडप में दो घंटे तक देवताओं का पूजन किया गया


उत्सव विग्रहों ने किया परिसर का भ्रमण।
– फोटो : amar ujala

बुधवार प्रातः साढ़े छह बजे से यज्ञमंडप में दो घंटे तक देवताओं का पूजन किया गया। अन्नाधिवास सुबह नौ बजे से 9:30 बजे तक संपन्न हुआ। यज्ञमंडप में हवन 9:35 से 10:35 बजे तक चला। 10:40 12:40 तक राम दरबार समेत सभी देव विग्रहों का अभिषेक किया गया। जिस मंदिर में देव विग्रह की स्थापना होनी है, वहां भी अभिषेक की प्रक्रिया संपन्न हुई। दोपहर दो बजे से तीन बजे तक उत्सव विग्रहों ने परिसर भ्रमण किया।

इसके लिए पालकी पर चांदी की चौकियों पर राम दरबार की समस्त उत्सव मूर्ति, परकेाटा के छह मंदिरों की उत्सव मूर्ति को विराजमान कर परिसर भ्रमण कराया गया। मुख्य यजमान डॉ. अनिल मिश्र समेत अन्य यजमानों ने पालकी को कंधे पर उठाकर श्रीराम जय राम, जय जय राम…के जयघोष के साथ मंदिर परिसर की परिक्रमा की।

09:32 AM, 05-Jun-2025

Ram Mandir Pran Pratishtha: राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा आज, सीएम योगी रहेंगे मौजूद, देश भर से आए हैं भक्त

गंगा दशहरा पर अयोध्या के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है। आज राम मंदिर परिसर में राजाराम समेत आठ देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा पूरी भव्यता के साथ की जाएगी।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे। वहीं, इस पल के साक्षी देश भर से आए श्रद्धालु भी बनेंगे।

इससे पहले प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान के दूसरे दिन बुधवार को विभिन्न अधिवास हुए और उत्सव विग्रहों का परिसर भ्रमण कराया गया। भारत की 21 पवित्र नदियों के जल से सभी देव विग्रहों का अभिषेक हुआ।



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