अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। ट्रैफिक नियम तोड़ने पर पुलिस ने पिछले 18 महीनों के दौरान जमकर चालान काटे, लेकिन हैरानी की बात यह कि वाहन स्वामियों को इसकी कोई परवाह ही नहीं। यातायात विभाग के आंकड़ों बताते हैं कि डेढ़ साल में पुलिस ने 3.71 लाख चालान काटे। सबसे अधिक निर्धारित सीमा से अधिक रफ्तार में गाड़ी दौड़ाना, लाल बत्ती पार करना, हेलमेट न लगाने जैसे नियम तोड़ने पर कार्रवाई हुई, लेकिन महज 12 हजार लोग ही चालान जमा करने पहुंचे।
नियम तोड़ने वालों का अब जगह-जगह लगे अत्याधुनिक कैमरों की मदद से ट्रैफिक पुलिस चालान कर रही है। चालान होने पर मैसेज वाहन स्वामी तक पहुंचता है, लेकिन वाहन स्वामी यह चालान जमा करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। समय पर चालान जमा न होने से करीब 55 करोड़ रुपये भी वाहन स्वामियों पर बकाया हो चुका है। पुलिस अफसर इसको लेकर बेफ्रिक हैं। उनका कहना है कि चालान जमा न करने वाले वाहन स्वामी वाहन का ट्रांसफर नहीं कर सकेंगे। उनकी आरसी भी सीज हो सकती है।
जनवरी 2024 से जून 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान कुल 3,71,370 चालान हुए। इनमें 2024 में 2,61,595 एवं जनवरी-जून महीने तक 1,09,775 चालान हुए। पिछले साल सबसे अधिक 1.04 लाख चालान ओवर स्पीड के हुए। वहीं, करीब 20 हजार दोपहिया वाहन चालकों का बिना हेलमेट वाहन दौड़ाने पर चालान हो चुका है।
सीओ ट्रैफिक रामवीर सिंह का कहना है कि समय पर चालान जमा न होने पर उनको कोर्ट भेज दिया जाता है। इसके बाद वाहन मालिक के पास कोर्ट से समन आता है। जब तक वह चालान की राशि जमा नहीं करते तब तक वाहन बेच नहीं सकते। प्रदूषण समेत अन्य कागजात भी नहीं बन सकते।
चुनावी मुद्दा बनने के बाद भी माफ नहीं हुए चालान
महानगर में धड़ाधड़ हो रहे चालान नगर निगम चुनाव के दौरान मुद्दा भी बना। भाजपा उम्मीदवार बिहारी लाल आर्य ने चालान माफ कराने का वादा किया था। मतदाताओं ने इस मुद्दे पर उनका समर्थन करते हुए वोट भी दिए, लेकिन चालान अब तक माफ नहीं हुए। उन्होंने शासन स्तर पर बात करने को कहा था, लेकिन मामला जस का तस है। बड़ी संख्या में लोग चालान माफ हो जाने की उम्मीद में इसे जमा नहीं कर रहे हैं।