बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एक बार फिर से संविधान में बदलाव का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा संविधान को बदलकर एक बार फिर से पुराने जातिवादी ढांचे में बदलना चाहती हैं। संविधान बदलने के लिए मुद्दे पर दोनों दल आपस से मिले हैं। उन्होंने कहा दोनों मिलकर समय-समय पर संविधान में गैरजरूरी बदलाव करके खासकर दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़े वर्गों को मिलकर आरक्षण के हक को छीनना चाहती हैं।
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बसपा सुप्रीमो शनिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। उन्होंने कहा कि संविधान में बदलाव की निंदा करते हुए कहा कि लंबे समय तक सत्ता में रहकर कांग्रेस और भाजपा की सरकारों ने अपनी सरकार की गलत नीतियों एवं जनविरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को छिपाने और उसपर से लोगों का ध्यान हटाने के लिए ही संविधान में बदलाव करती रही हैं। आज भी उनका यह प्रयास जारी है। संविधान में बदलाव के मुद्दे पर दोनों पार्टियां एक हो जाती हैं। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि दोनों दलों ने खासकर दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों को मिलने वाले आरक्षण को समाप्त करने का भी प्रयास किया है, जिसे लाभार्थी समाज लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
मायावती ने कहा कि संविधान में बदलाव को बसपा बर्दाश्त नहीं करेगी। भाषा के नाम पर राजनीति की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान की मूल भावना के अनुसार सभी भाषाओं को सम्मान होना चाहिए। वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर उठ रही बातों पर उन्होंने चुनाव आयोग से स्थिति स्पष्ट करने की भी मांग की। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि जातिवादी मानसिकता के तहत धार्मिक कार्यक्रमों को लेकर जातीय उन्माद, टकराव व हिंसा की स्थिति पैदा करके दलित एवं अन्य उपेक्षित वर्गों का शोषण किया जा रहा है।
हर स्तर पर मजबूत होगा संगठन
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि 2025 में संगठन को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अब तक संगठन को लेकर कई बैठकें भी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि आगमी विधानसभा चुनाव, पंचायत चुनाव को देखते हुए पार्टी स्तर पर रणनीति भी बनाई जा रही है। पार्टी अपने जनाधार को भी एकत्रित करने में जुटी है।
#WATCH | Lucknow: BSP chief Mayawati says “For the welfare and well-being of the entire society in the country, Baba Saheb Dr. Bhimrao Ambedkar has given India the Constitution. The Congress party, while in power, and now the people of the BJP-led NDA government have never… pic.twitter.com/EIpxxhEPPp