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खनन घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की कंपनी एमजीए कॉलोनाइजर्स की सुल्तानपुर रोड स्थित करोड़ों रुपये की संपत्ति को बेचने की जानकारी ईडी के अधिकारियों को पांच साल पहले मिली थी, लेकिन इस मामले को दबा दिया गया। ईडी ने संपत्ति बेचने और खरीदने वालों को पूछताछ के लिए बुलाने की जहमत तक नहीं की। जबकि एमजीए कॉलोनाइजर्स की अन्य संपत्तियों को जब्त किया जाता रहा। ईडी के निदेशक से शिकायत के बाद अब दोबारा इस मामले की फाइल को खंगाला जा रहा है।

बता दें कि जौनपुर निवासी कृपाशंकर यादव ने ईडी के निदेशक से गायत्री प्रसाद प्रजापति की कंपनी एमजीए कॉलोनाइजर्स की सुल्तानपुर रोड स्थित बेशकीमती संपत्ति पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को बेचने की शिकायत की है। उन्होंने खनन घोटाले से जुटाई गई गायत्री की काली कमाई को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये खपाने का आरोप लगाया है। इस शिकायत पर ईडी मुख्यालय की विजिलेंस यूनिट ने जांच शुरू कर दी है और कृपाशंकर यादव को जल्द बयान दर्ज करने के लिए बुलाने की तैयारी में है।

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सूत्रों की मानें तो इस प्रकरण की जांच ईडी मुख्यालय की विजिलेंस यूनिट ही करेगी। मुख्यालय द्वारा खनन घोटाले की जांच से जुड़ी जानकारी तलब करने की संभावना को देखते हुए जोनल कार्यालय ने गायत्री से जुड़ी फाइलों को खंगालना शुरू कर दिया है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि किस वजह से इस संपत्ति को जांच के बाद जब्त नहीं किया गया था।

संपत्ति की कीमत की होगी जांच

दरअसल, सुल्तानपुर रोड पर खरीदी गई संपत्ति को गायत्री की कंपनी ने महज 10 लाख रुपये मुनाफा लेकर बेचा था। जबकि इकाना स्टेडियम के पीछे होने की वजह से इसकी कीमत कई गुना ज्यादा हो चुकी थी। ईडी के अधिकारियों के मुताबिक गायत्री के परिजनों के नाम से बनाई गई कई कंपनियों में इसी तरह संपत्तियों की खरीद-फरोख्त की गई, जिसे बेचने से मिली रकम को शेल कंपनियों में डायवर्ट किया गया।



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