अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। बुंदेलखंड में छोटी नदियों के उफनाने के साथ अब बेतवा के बहाव में भी तेजी आने लगी। इससे मानसूनी सीजन में रविवार दोपहर पहली दफा राजघाट एवं माताटीला बांध के गेट खोले गए। राजघाट बांध से 74 हजार क्यूसेक, माताटीला बांध से 1.58 लाख क्यूसेक जबकि सर्वाधिक पारीछा बांध से 3.11 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया हालांकि सिंचाई अफसरों ने रविवार देर-रात से पानी के बहाव में कमी की संभावना जताई है।
बुंदेलखंड में पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते पहूज, सुखनई, लखेरी, धसान समेत अन्य नदियां उफना रही हैं। कैचमेंट इलाके में बारिश ने बेतवा का जलस्तर भी बढ़ा। दोपहर बारह बजे राजघाट बांध के 15 गेट पांच फुट ऊंचाई पर खोलकर 30 हजार पानी छोड़ा गया। शाम तक इसे बढ़ाकर 74 हजार क्यूसेक करना पड़ा। माताटीला बांध के एक्सईएन पंकज सिंह के मुताबिक शुरूआत में 1.39 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। बहाव तेज होने पर नौ गेट अलग से खोले गए। देर-शाम तक कुल बीस गेट को छह फीट उंचाई पर खोलकर पानी निकाला गया। उनका कहना है कि रात तक पानी के बहाव में कमी की उम्मीद है।
इनसेट
बांध छोड़ा जा रहा पानी (क्यूसेक में)
पारीछा बांध 3,11,200
लहचूरा बांध 2,88,100
पहाड़ी बांध 2,81,410
सुकुवां-ढुकुवां बांध 130000
पहूज बांध 8000
डोंगरी बांध 5000
पथरई बांध 3205
इनसेट
खिरियाघाट में रपटा डूबा, यातायात कराया बंद
झांसी। तहसील मोंठ में बेतवा नदी का जल स्तर बढ़ने से खिरिया घाट पर बना रपटा पूरी तरह से डूब गया। रपटे के ऊपर तेज बहाव में पानी बह रहा है। इससे रपटे पर आवागमन का खतरा बढ़ गया। रविवार को मौके पर उपजिलाधिकारी अविनाश तिवारी ने तहसील टीम के साथ निरीक्षण करने के बाद रपटे को अस्थाई तौर पर बंद करा दिया। यहां पुलिस भी तैनात कर दी गई। उपजिलाधिकारी के मुताबिक कुछ लोग जान जोखिम में डालकर इसके रपटा पार करने की कोशिश कर रहे थे, इससे दुर्घटना की आशंका बनी थी। बांस-बल्ली लगाकर उसे अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया।
इनसेट
36 घंटे सड़क मार्ग से कटा रहा झांसी-उनाव बालाजी का संपर्क
पहूज नदी में तेज बहाव होने से शनिवार रात से झांसी और उनाव बालाजी को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग का रपटा डूब गया। 36 घंटे बाद भी इस रास्ते पर आवाजाही बहाल नहीं हो सकी। इस वजह से झांसी-उनाव बालाजी का सीधा संपर्क मार्ग टूट गया। लोगों की पूरे दिन आवाजाही थमी रही। रविवार को उनाव बालाजी स्थित सूर्य मंदिर दर्शन के लिए बड़ी संख्या में झांसी से श्रद्धालु जाते हैं लेकिन, आज रपटा डूबा होने से श्रद्धालु वहां नहीं जा सके। इसी तरह रोजाना ही बालाजी से झांसी कामकाज के सिलसिले में लोगों का आना-जाना रहता है। यह लोग भी झांसी नहीं आ सके। कुछ लोग झांसी आने के लिए दतिया के रास्ते चक्कर काटकर यहां तक पहुंचे। रविवार देर-रात तक रपटे के पानी में डूबे होने से आवाजाही बहाल नहीं हो सकी थी।
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शुरू हुआ बरुआसागर झरना
जान जोखिम में डालकर बनाने लगे रील
झांसी। रविवार दोपहर बरुआसागर झील भी ओवर फ्लो हो गई। इससे बरुआसागर झील से झरना गिरना आरंभ हो गया। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग भी पहुंच गए। सुरक्षा के लिए आसपास पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। वहीं, रविवार को सुकुवां-ढुकुवां बांध से पानी गिरता देखने बड़ी संख्या में आसपास के लोग पहुंच गए। गिरते पानी को देखने के उत्साह में कई लोग जान की परवाह किए बगैर सीढ़ी के पास बैठकर रील बनाने लगे। पर्यटकों की भीड़ देख सिंचाई विभाग अभियंताओं ने पुलिस को सूचना दी। बबीना पुलिस भी पहुंच गई। यहां से लोगों को किसी तरह हटाया गया।