
छांगुर ने हिंदू श्रमिकों और गरीब परिवारों को पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन करने की मुहिम का मजबूत जाल बुना था। शिजर- ए- तयब्बा किताब भी इसी उद्देश्य से लिखी गई थी, जिससे लोग आसानी से इस्लाम को समझ सकें और दुनिया के सबसे बड़े धर्म के रूप में मान सकें।
अगली कड़ी में हिंदू देवी- देवताओं के प्रति कैसे घृणा भरी जाए और वेशभूषा कैसी हो, इसकी समझ को विकसित करने की तैयारी थी। मधपुर में कोठी का निर्माण वर्ष 2022 में शुरू हुआ था, अभी निर्माण पूरी तरह हो नहीं सका था।
कोठी का निर्माण कराने वाले वसीउद्दीन ने बताया कि कोठी को अभी अलग नहीं कराया था। पिलर पर पूरी कोठी खड़ी की गई थी, जिससे छांगुर अपने हिसाब से कमरों में बांट सके। उन्होंने बताया कि निर्माण के समय ही उन्हें आभास हो गया था कि कुछ गलत कार्य के लिए ही कोठी बनाई जा रही है, लेकिन छांगुर ने उन्हें बताया था कि वह विद्यालय खोलना चाहता था।
इसके बाद कहा कि अस्पताल भी खोलेगा। इस तरह वह झूठ ही बोलता रहा। अब वह कोठी तो गिर गई है, लेकिन अब भी कुछ भाग शेष रह गया है। इस तरह छांगुर की योजना बड़ी घातक थी।