
मेले में पहले से खड़ी एंबुलेंस ने तत्काल घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम शुरू किया। रात 3:00 बजे तक सभी घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने कुछ ऐसा ही हाल बताया। आसपास के दुकानदारों ने बताया कि पहले तो किसी की समझ में नहीं आया कि क्या हो गया।
बस लोग दौड़ते रहे…
रात में भगदड़ मची तो मैं बैरिकेडिंग के समीप ही था। कुछ समझ पाता इससे पहले भीड़ आई और मेरी दुकान भी गिर गई। जाना कि करंट फैला है तो तुरंत हिम्मत नहीं हुई कि मौके पर जा सकें। लोग चिल्ला रहे थे कि लाइट काटो…। -करुणा शंकर, हलोर रायबरेली
10 मिनट बाद पता लगा करंट उतरा है
मैं मंदिर के पास अपनी चाय की दुकान पर सो गया था। तेज शोर सुनकर जागा तो देखा भगदड़ मची है… पहले लगा मारपीट हो गई है। लोग बस भाग रहे थे। करीब 10 मिनट की भगदड़ व अफरातफरी के बाद पता लगा कि बैरिकेडिंग में करंट उतर आया है। -संदीप गिरी, दुकानदार
जो गिरा वह दबता चला गया
रात करीब दो बजे बैरिकेडिंग में हर कोई भाग रहा था। महिलाएं चिल्ला रही थीं। मैं अपने साथियों के साथ पहुंचा तो देखा कि छह-सात लोग बैरिकेडिंग के अंदर बेसुध पड़े हैं। सैकड़ों लोग इनके ऊपर से निकल चुके थे। हम लोग पहुंचे और उन्हें बाहर लाकर अस्पताल भेजा। -कुट्टू बाबा, फूल विक्रेता