
रायबरेली में शुरू हुई वोटिंग।
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रायबरेली में वोटिंग जारी है। यहां सुबह से ही बूथ के बाहर मतदाताओं की कतारें दिख रही हैं। हाई प्रोफाइल लोकसभा सीटों में शुमार रायबरेली और अमेठी में दांव पर असली प्रतिष्ठा तो गृहमंत्री अमित शाह और राहुल गांधी की लगी है। असल में, रायबरेली में भाजपा से दिनेश सिंह और अमेठी में कांग्रेस से किशोरी लाल शर्मा तो चेहरे मात्र हैं। इन दो सीटों पर तीन प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, गृह मंत्री, चार डिप्टी सीएम, चार पूर्व सीएम समेत 50 से अधिक दिग्गजों ने प्रचार किया। सोमवार को अब जनादेश की बारी है।
सोनिया गांधी के राज्यसभा में जाने के बाद कांग्रेस से राहुल गांधी ने तीन मई को रायबरेली और अमेठी में किशोरी लाल शर्मा ने परचा भरा था। अमेठी में स्मृति इरानी तो भाजपा ने दूसरी बार दिनेश सिंह को रायबरेली सीट पर उतारा। नामांकन में मां सोनिया, बहन प्रियंका, जीजा राबर्ट के साथ तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत अन्य दिग्गज शामिल हुए। स्मृति इरानी के नामांकन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव रहे। नामांकन के बाद दोनों पार्टियों के दिग्गजों ने प्रचार में ताकत झोंकी।
गृहमंत्री अमित शाह ने तो रायबरेली को भगवा करने के लिए पूरी ताकत झोंकी। वे रायबरेली में दो बार तो अमेठी में एक बार आए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, केशव मौर्य ने भी दोनों सीटों पर प्रचार किया। मध्य प्रदेश, तेलंगाना के डिप्टी सीएम भी आए। यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीबी श्री निवास, पूर्व प्रमोद तिवारी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पिछड़ा वर्ग विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हरियाणा के पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव, इमरान प्रतापगढ़ी को भी मोर्चे पर उतारा गया। भूपेश बघेल गांव-गांव घूमे। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राहुल और किशोरीलाल के लिए वोट मांगे। 50 से अधिक दिग्गजों ने यहां पहुंचकर सीट को हॉट बना दिया।
रायबरेली और अमेठी में अंत तक डटी रहीं प्रियंका
मां सोनिया गांधी के चुनाव की कमान संभालने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस चुनाव में भाई राहुल की नैया पार लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अमेठी में भी प्रियंका ने वोटरों को रिझाने का पूरा प्रयास किया। दोनों ही सीटों पर अंतिम समय तक प्रियंका डटी रहीं। संसदीय क्षेत्रों में प्रियंका ने अकेले ही चुनावी फिजा को मजबूत रखा है। भुएमऊ गेस्टहाउस में कार्यकर्ताओं को जीत का पाठ पढ़ाने के बाद विधानसभा क्षेत्रों में रोड शो व नुक्कड़ सभाएं भी कीं।