उत्तर प्रदेश में आगरा के विश्वप्रसिद्ध संगमरमर नक्काशी कला पर जीएसटी का बोझ घटाने के लिए आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चेंबर के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को लखनऊ में वित्तमंत्री सुरेश खन्ना से मुलाकात की। चेंबर के अध्यक्ष प्रहलाद अग्रवाल के नेतृत्व में आए व्यापारियों ने इस पर लगने वाली 12 प्रतिशत जीएसटी दर को घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग की। वित्तमंत्री ने आश्वासन दिया कि इस दिशा में सरकार काम कर रही है। जल्द ही जीएसटी कम होने का तोहफा मिल सकता है।

प्रतिनिधिमंडल ने वित्तमंत्री से यह भी आग्रह किया कि इस मुद्दे को आगामी जीएसटी काउंसिल बैठक (दिल्ली) में रखा जाए, जहां अधिकांश वस्तुओं पर 12% जीएसटी स्लैब खत्म करने की संभावना है। प्रहलाद अग्रवाल ने वित्तमंत्री को बताया कि अमेरिका द्वारा भारतीय हस्तशिल्प पर भारी आयात शुल्क लगाने के बाद आगरा के स्टोन इनले शिल्प के निर्यात पर गंभीर संकट है। यदि सरकार जीएसटी दर घटाकर 5% कर देती है तो न सिर्फ कारीगरों को सीधी राहत मिलेगी, बल्कि घरेलू बिक्री और पर्यटन से भी इस शिल्प को नई ऊर्जा मिलेगी।

यह कला मशीनों से नहीं बनाई जा सकती

उन्होंने कहा कि आगरा की यह अनूठी कारीगरी सदियों से चली आ रही है। सरकार ने इसे ओडीओपी योजना में शामिल किया है। इसे जीआई टैग भी मिला है। यह कला मशीनों से नहीं बनाई जा सकती। यह 35 हजार कारीगरों की महीनों की मेहनत और कौशल से तैयार होती है। 

इस पर जल्द ही सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा-सुरेश खन्ना

उन्होंने कहा कि ताज ट्रेपेजियम जोन की पर्यावरणीय पाबंदियों से पहले ही कई उद्योग बंद हो चुके हैं। इस उद्योग का सालाना कारोबार लगभग 1500 करोड़ रुपये है, जिसमें आधा निर्यात है। ऐसे में टैक्स घटाने से सरकार के राजस्व पर भी बड़ा असर नहीं पड़ेगा। सुरेश खन्ना ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि बहुत जल्द इस पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में अशोक जैन, आशीष माथुर और विशाल शर्मा शामिल थे।



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