संवाद न्यूज एजेंसी

झांसी। फ्री फायर मोबाइल गेम खेलने पर 20 हजार रुपये का लालच देकर एक जालसाज ने महाराष्ट्र की छात्रा को फंसाकर दिल्ली बुलाया। छात्रा भी झांसे में आ गई और स्कूल के बहाने घर से निकलकर दिल्ली के लिए ट्रेन में सवार हो गई। वह तो शुक्र रहा कि ट्रेन में सवार दंपती को शक हो गया और छात्रा के फोन से पिता को सूचना दी। इस पर पिता ने आरपीएफ से संपर्क किया। वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर आरपीएफ की टीम ने छात्रा को ट्रेन से उतारकर बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया। न्यायपीठ अध्यक्ष राजीव शर्मा ने छात्रा को समझाकर पिता के सुपुर्द कर दिया।

न्यायपीठ अध्यक्ष ने बताया कि महाराष्ट्र के वर्धा में रहने वाली छात्रा के पिता होमगार्ड हैं और वह 11वीं की छात्रा है। छात्रा ने बताया कि मोबाइल गेम टूर्नामेंट खेलने का अमरावती के रहने वाले युवक रजत ने फोन पर झांसा दिया और जीतने पर 20 हजार का लालच दिया। उसे पता था कि इसके लिए उसके पिता इसकी इजाजत नहीं देंगे। इसलिए स्कूल जाने के बहाने वह घर से निकली और स्कूल से नागपुर पहुंच गई। वह नागपुर में पहुंचने के बाद संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में सवार हो गई। पिता जब ड्यूटी से घर वापस लौटे तो उन्हें पुत्री घर पर न मिलने पर चिंता हुई और उसे फोन किया। इधर, ट्रेन में पास सवार दंपती को उसकी बातें सुनकर शक हुआ और उन्होंने छात्रा के फोन से पिता को फोन कर सारी जानकारी दे दी। पिता ने तत्काल रेलवे पुलिस को सूचना दी। ट्रेन के झांसी पहुंचने पर उसे ट्रेन से उतार लिया गया और चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया। पिता के आने पर उसे समझा कर सुपुर्द कर दिया। कार्रवाई के दौरान समिति के सदस्य कोमल सिंह, परवीन खान, हरिकृष्ण सक्सेना, साजिद खान मौजूद रहे।

छोटे शहरों में फैला है जाल और फंसा रहे मासूमों को

राजीव शर्मा ने बताया कि अपराधी अब छोटे शहरों में जाल फैलाते हैं और मासूम लड़कियों को अपना शिकार बनाते हैं। उनका काम करने का तरीका ऐसा होता है कि उनके जाल मे फंसी लड़कियां बिना किसी को बताए घर छोड़ देतीं हैं और फिर उन्हें हमेशा के लिए गायब कर दिया जाता है। ऐसे अपराधी अपने पीछे कोई सबूत भी नहीं छोड़ते। उन्होंने उस दंपती का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने मामले को भांपा और पिता को सूचना देकर बच्ची को जालसाजों के जाल में फंसने से बचाया।

माता पिता भी सचेत रहें

इस दौरान समिति के सदस्यों ने कहा कि जिन प्रकार से फोन से डिजिटल अरेस्ट, बैंक धोखाधड़ी हो रही है। उसी प्रकार से अब लड़कियों को अपने चंगुल में फंसाने का तरीका बदल दिया है। मोबाइल गेम की लत को भांप कर अब उन्हें इसी प्रकार का लालच दिया जा रहा है। इसलिए माता-पिता सचेत रहें और बच्चों को मोबाइल गेम की लत को छुड़ाएं।



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