ललितपुर। बजाज फाइनेंस कंपनी के साथ धोखाधड़ी के प्रकरण में न्यायालय की इजाजत के बगैर कुछ धाराएं हटाने पर पुलिस अधीक्षक से एक अक्तूबर तक स्पष्टीकरण मांगा गया है। जवाब संतोषजनक न होने पर एसआईटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की तरफ से पुलिस अधीक्षक को जारी नोटिस में बताया गया है कि आरोपी शिवम राठौर को 19 सितंबर को न्यायालय के समक्ष बीएनएस की धारा 63 (2), 318 (4), 338, 336 (3), 340 (2) में रिमांड के लिए प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने उसकी न्यायिक अभिरक्षा रिमांड 19 से 30 सितंबर तक के लिए स्वीकृत की। लेकिन, 25 सितंबर को शिवम की ओर से पेश प्रार्थना पत्र में बताया गया कि उक्त धाराएं खत्म कर दी गई हैं और उसकी जमानत स्वीकार कर ली जाए। केस डायरी व एसआईटी के विवेक नरेंद्र सिंह की आख्या से ज्ञात हुआ कि विवेचक ने उक्त सभी धाराओं का लोप कर मात्र बीएनएस की धारा 341 (2) की बढ़ोतरी की है।

न्यायालय ने कहा कि पूर्व में लगाई गई धाराएं अत्यंत गंभीर एवं आजीवन कारावास तक दंडनीय हैं। विवेचक ने उक्त धाराओं को हटाने से पूर्व न्यायालय को कोई सूचना नहीं दी। न्यायालय ने कहा कि अभी की केस डायरी से प्रतीत होता है कि पुलिस अधिकारियों ने बिना किसी न्यायोचित विवेचना के अत्यंत गंभीर धाराएं लगाकर आरोपी शिवम को गिरफ्तार किया। इस मामले में गठित की गई एसआईटी के समस्त अधिकारियों के विरुद्ध प्रकीर्ण वाद दर्ज कर स्पष्टीकरण के लिए पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर दिया।



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