भाजपा कार्यालय पर वैसे तो स्नातक चुनाव को लेकर बैठक बुलाई गई थी। मगर पार्षदों ने मोर्चाबंदी करते हुए नगर निगम में मनमानी होने के ही आरोप जड़ दिए। कहा कि साढ़े तीन महीने बीतने के बाद उपसभापति का चुनाव नहीं हुआ है। चुनिंदा को छोड़कर सत्ता के पार्षदों तक की सुनवाई नहीं हो रही है। नेता सदन भी अब तक नहीं चुना गया है।
शनिवार को भाजपा कार्यालय पर जब पार्षदों की बैठक शुरू हुई तो सबसे पहले महानगर अध्यक्ष हेमंत परिहार ने स्नातक चुनाव की तैयारियों पर बात की। उन्होंने कहा कि सभी पार्षदों को मतदाता बढ़ाने है। इसके लिए जिम्मेदारियां भी तय की गईं। बैठक खत्म होने से पहले पुराने शहर के दूसरी बार के पार्षद ने उपसभापति के चुनाव का मुद्दा उठा दिया। पार्षद ने कहा कि नगर निगम के इतिहास में सबसे देर में उपसभापति का चुनाव हो रहा है। पहले दो हफ्ते के अंदर उपसभापति चुन लिए जाते थे। तब तक दूसरे पार्षद बोले पड़े कि अब तक पार्टी का नेता सदन भी नहीं चुना जा सका है।
बताया गया कि बैठक में तय हुआ कि अब तक नेता सदन का कार्यभार संभाल रहे दिनेश प्रताप सिंह सोमवार को महानगर अध्यक्ष को इन मांगों से संबंधित पत्र महानगर अध्यक्ष को सौंपेंगे। फिर ये मामला संगठन स्तर पर उठाया जाएगा। बैठक में पार्षद मुकेश सोनी, निवर्तमान उपसभापति प्रियंका साहू, आशीष तिवारी, प्रदीप खटीक, प्रवीण लखेरा, लखन कुशवाहा, कामेश अहिरवार आदि रहे।