झांसी। जनपद में निराश्रित गोवंशों को पालने के लिए जनपद में 314 गोशालाएं हैं। इनमें करीब 69,000 से अधिक गोवंश हैं। वहीं, दूसरी ओर 1200 से अधिक गोपालक गोशालाओं की गोवंशों को पालकर अपनी आय बढ़ा रहे हैं।
हाईवे, महानगर और देहात क्षेत्र में बेसहारा गोवंश मुसीबत का सबब बने हुए हैं। हाईवे पर बेसहारा गोवंश की वजह से हादसे हो रहे हैं तो दूसरी ओर शहर और देहात क्षेत्र में बेसहारा गोवंश के हमले के कारण लोग घायल भी हो रहे हैं। पंचायत और महानगर क्षेत्र में बेसहारा पशुओं को गोशालाओं तक पहुंचाया तो जा रहा है। इसके बावजूद, बड़ी संख्या में सड़कों पर गोवंश विचरण करते रहते हैं।
दूसरी ओर, 1200 पशुपालक हैं जो दुधारू गोवंशों को पालकर अपनी आय को बढ़ा रहे हैं। इसके एवज में उन्हें पशुपालन विभाग से 1500 रुपए प्रतिमाह चारे के लिए भी प्रदान किया जाता है। यह राशि प्रतिमाह सर्वे करने पर गोवंश की मौजूदगी मिलने पर यह राशि पशुपालकों को प्रदान की जाती है। वहीं, जनपद की 314 गोशालाओं में चारा, पानी और शेड के अलावा भूसा की व्यवस्था नगर पंचायत की ओर से कराई जाती है। इससे निकलने वाले गोबर से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं गोबर पेंट भी तैयार कर रही हैं। साथ ही एक समूह इनसे गोबर के लट्ठे भी तैयार कर अपनी आय को बढ़ा रहे हैं। इस संबंध में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि बेसहारा पशुओं को गोशालाओं में पहुंचाया जा रहा है।