तहसील समाधन दिवस में शनिवार को जिलाधिकारी विशाख जी मोहनलालगंज तहसील में जनसुनवाई कर रहे थे। इसी बीच खुजौली स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की 15 से 20 छात्राएं रोते हुए डीएम के सामने जा पहुंची। अचानक से छात्राओं की भीड़ और उन्हें रोता देखकर मातहत घबरा गए।
डीएम ने छात्राओं को शांत कराते हुए उनकी परेशानी पूछी तो सभी हैरान रह गए। छात्राओं ने प्रिंसिपल और वार्डन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। छात्राओं के साथ उनके अभिभावक भी पहुंचे थे। आरोप है कि विद्यालय की प्रधानाचार्या और वार्डन छात्राओं से झाड़ू-पोंछा और शौचालय की सफाई करवाती हैं। छात्राओं को सही से खाना नहीं दिया जाता। रात को विद्यालय परिसर में कार से अज्ञात लोग परिसर में आते हैं। बालिकाओं ने कहा कि अगर कोई छात्रा उस दिशा में देखने की कोशिश करती है तो उसकी बेरहमी से पिटाई की जाती है। यही नहीं, गालियां भी दी जाती है।
छात्राओं ने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल धमकी देती हैं कि अगर ये बात किसी को बताई तो अंजाम भुगतना पड़ेगा। बच्चियों ने विद्यालय में पढ़ाई जारी रखने से मना कर दिया। अभिभावकों ने बताया कि नवरात्रि और दशहरे की छुट्टियों पर घर पहुंची बच्चियों ने आपबीती बताई और शरीर की चोटें भी दिखाईं। इसके बाद अभिभावकों को मामले की जानकारी हुई। अभिभावकों ने प्रिंसिपल और वार्डन को निलंबित करने की मांग की। ऐसा नहीं होने पर बच्चों को विद्यालय भेजने से मना कर दिया। डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बीएसए व महिला नायब तहसीलदार को जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने टीम को बालिकाओं से बंद कमरे मे बयान रिकार्ड कर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है। जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्यवाही होगी।