माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद के झांसी जेल में आए करीब एक सप्ताह होने को हैं, लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। ताजा मामला जेल के भीतर अफसरों के बीच मची खींचतान का सामने आया है। अली की वजह से ही प्रयागराज से हटाए गए जेलर अंजनी गुप्ता ने खुद को उसकी बैरक से दूर रखने की मांग की है। वहीं, अन्य अफसर भी खुद को इससे अलग रखना चाहते हैं। ऐसे में जेल प्रशासन के सामने संकट पैदा हो गया। वहीं, जेल अफसर इसे आंतरिक मामला बताते हुए कुछ भी बोलने को राजी नहीं हैं।

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अली प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में तीन साल तक बंद रहा। जेल सूत्रों का कहना था कि 16 जून को नैनी सेंट्रल जेल में अली को पार्सल के जरिये नकदी भेजी गई थी। डीआईजी जेल ने छापा मारकर खुद उसकी सेल से नकदी बरामद की थी। उस दौरान अली की हाई सिक्योरिटी सेल के इंचार्ज डिप्टी जेलर अंजनी कुमार गुप्ता थे। इस मामले में उनकी चूक सामने आई थी। इसके अगले महीने ही उनका झांसी तबादला कर दिया गया। अब उनके यहां आने के करीब दो महीने बाद ही अली को प्रयागराज से झांसी भेज दिया गया। कैश मामले में फंस चुके अंजनी कुमार अब दोबारा से सेल की जिम्मेदारी लेने को राजी नहीं। वहीं, अन्य जेल अफसर भी खुद को अलग रखने की जुगत भिड़ा रहे हैं। इस वजह से जेल के भीतर अफसरों में खींचतान मची है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने इसे आंतरिक मामला बताते हुए किसी तरह की जानकारी होने से साफ इन्कार कर दिया।



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