
UP Lok Sabha Election 2024
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
लोकसभा चुनाव परिणाम कांग्रेस की नई प्रयोगशाला का भी भविष्य तय करेगा। क्योंकि कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में दो अहम प्रयोग किए। एक तरफ अगड़ों की परवाह किए बिना पिछड़ा और दलित कार्ड खेला, तो दूसरी तरफ अयोध्या में राममंदिर नहीं जाकर अल्पसंख्यकों को भी भरोसा दिलाया।
खास बात यह रही कि यूपी में सिर्फ 17 सीटों पर लड़ते हुए राहुल गांधी को विपक्षी नेता के तौर पर स्थापित करने का पूरा प्रयास किया गया। अब देखना यह होगा कि ये प्रयोग कितने सफल हुए हैं।
लोकसभा चुनाव का शंखनाद होने से ठीक पहले कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खरगे को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया। इसके जरिये पूरे देश में दलितों को जोड़ने का संदेश दिया गया। फिर राहुल गांधी ने न्याय यात्रा निकाली और जातीय जनगणना का मुद्दा जोरशोर से उठाया।
उत्तर प्रदेश में अध्यक्ष भले अजय राय बनाए गए, लेकिन उनकी कार्यकारिणी में पिछड़ों और दलितों को भरपूर भागीदारी देने की कोिशश हुई। प्रदेश में संविधान बचाओ, आरक्षण बचाओ सम्मेलन, दलित संवाद जैसे कार्यक्रमों के जरिये जातीय जनगणना कराने की पुरजोर वकालत की गई।