उरई। ईद उल अजहा की नमाज में मुल्क की तरक्की, कौम की खुशहाली के लिए हाथ उठे। मौलानाओं ने सिर्फ जानवर नहीं अपने अंदर से गंदे कामों, दूसरे को परेशान करने, किसी का हक मारने की कुर्बानी देने की भी बात कही।



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