बाइस गांव के नगर निगम के प्रस्तावित विस्तार में शामिल होने को लेकर फिर से पेच फंस गया है। इन गांवों को निगम सीमा में शामिल किया जाना है लेकिन यहां फिर से प्रधानी चुनाव की तैयारी शुरू हो गई। ऐसे में अगर यहां पंचायत चुनाव करा लिए गए, तब अगले पांच साल तक इन गांवों के नगर निगम सीमा में शामिल होने की संभावना खत्म हो जाएगी। इन्हें अगले पांच साल तक दोबारा इंतजार करना पड़ेगा।

2019 में भेजा गया था प्रस्ताव

नगर निगम सीमा विस्तार आखिरी बार वर्ष 2002 में हुआ था। उस दौरान निगम सीमा में 15 ग्राम सभाओं को शामिल किया गया था। इसके बाद निगम सदन ने नवंबर 2019 में 22 गांव को फिर से सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया था लेकिन समय सीमा खत्म हो जाने की वजह से शासन ने इसे मंजूर नहीं किया।

मतदाता सूची की जा रही तैयार

वर्ष 2022 में पंचायती राज विभाग की ओर से इन गांवों के लिए डी-नोटिफिकेशन प्रस्ताव दोबारा से मांगा गया लेकिन उस दौरान भी प्रक्रिया पूरी न हो सकने से प्रस्ताव नहीं भेजा जा सका। इसके बाद पंचायती राज विभाग ने मार्च में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी। इस वजह से इन सभी बाइस गांव में पंचायती चुनाव कराने पड़े थे। यहां चुनाव हो जाने से इन गांव को निगम सीमा में शामिल होने का इंतजार करना पड़ा। इन सभी पंचायतों का कार्यकाल अगले तीन माह के भीतर खत्म हो जाएगा लेकिन निगम सीमा विस्तार की कवायद नहीं हुई। ऐसे में इन ग्राम सभाओं में फिर से पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू हो गई। मतदाता सूची भी तैयार कराई जा रही है। पंचायती राज विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यहां पंचायत चुनाव होने की दशा में अगले पांच साल बाद ही इनको निगम सीमा में शामिल किया जा सकेगा।

इन गांव को शामिल किए जाने का था प्रस्ताव

खैलार, डगरिया, रुंद, सिमरावारी, अठोंदना, पठारी, सिजवाहा, पाली पहाड़ी, अंबावाय, रुंदकरारी, परवई, भोजला, भरारी, टाकोरी, मुस्तरा, दिगारा, पलींदा, बलौरा, रुंदबलौरा, पाडरी, गोरामछिया, छपरा, डिमरौनी।

प्रस्तावित गांवों का कुल क्षेत्रफल- 11520 हेक्टेयर

कुल जनसंख्या- 69,420

निगम सीमा में शामिल होने का लंबा हो रहा इंतजार

नगर निगम सीमा में शामिल किए जाने के लिए प्रस्तावित गांव के लोग शहरी इलाके में शामिल होने का इंतजार ही कर रहे हैं। उनका कहना है कि शहरी सीमा में शामिल होने से विकास कार्य तेज हो सकेंगे। नाली, गली दुरुस्त होगी लेकिन पिछले करीब छह साल से इंतजार के बाद भी उनके गांव शहरी सीमा में शामिल नहीं हो पाए। अठोंदना निवासी राजेश कुशवाहा, धीरेंद्र राजपूत, संतोषी का कहना है कि शहरी इलाके में शामिल होने से कई सुविधाएं मिलने की उम्मीद थी लेकिन फिर से पंचायत चुनाव कराए जाने से सारी उम्मीदें धूल में मिल गईं। निगम सीमा में शामिल न हो से स्थानीय लोग मायूस हैं।

पंचायती राज विभाग की ओर से सभी 496 ग्राम पंचायतों में चुनाव कराए जाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए मतदाता सूची तैयार कराने का काम चल रहा है। – डॉ. बाल गोविंद श्रीवास्तव, डीपीआरओ



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