Five cities including Noida-Ghaziabad are most troubled by the breach of promises by builders.

सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला

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बिल्डरों की वादाखिलाफी की शिकायतों के मामले में उत्तर प्रदेश काफी आगे है। देश भर के रेरा (रियल एस्टेट विनियमन एवं विकास अधिनियम) में दर्ज शिकायतों में से लगभग 38 फीसदी शिकायतें अकेले उत्तर प्रदेश रेरा में दर्ज हुई हैं। सबसे अधिक शिकायतें गौतम बुद्ध नगर (नोएडा), लखनऊ, गाजियाबाद, वाराणसी और मेरठ से आई हैं। कानपुर, आगरा, प्रयागराज भी फेहरिस्त में शामिल है।

उत्तर प्रदेश रेरा में बिल्डरों के खिलाफ 54,560 शिकायतें ग्राहकों ने दर्ज कराई हैं। इसमें से 46,345 शिकायतों का निस्तारण हो चुका है। लगभग 1200 बिल्डरों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। ग्राहकों की ज्यादातर शिकायतें फ्लैट साइज, आवंटन में देरी, कारपेट एरिया और सुपर कारपेट एरिया में अंतर, पहले बताई गईं सुविधाओं में कटौती, बुकिंग के बाद अतिरिक्त शुल्क की मांग और बीच में ही रेट बढ़ा देने जैसे मामलों की हैं। 

बिल्डर के वादे झूठे तो नहीं, खुद करें जांच

अभी तक ग्राहकों के लिए बिल्डर के प्रोजेक्ट क्रास चेक करने की सुविधा नहीं थी। अब परियोजना से जुड़े सूचनाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उ.प्र. रेरा द्वारा जारी किए जाने वाले परियोजना पंजीकरण प्रमाण पत्र में एक विशेष क्यू.आर. कोड की उपलब्धता।रियल एस्टेट सेक्टर के हितधारक मोबाईल से इस क्यू.आर. कोड स्कैन करके सीधे रेरा पोर्टल पर परियोजना संबंधी जानकारी देख सकते हैं।

600 करोड़ रुपये से ज्यादा के संपत्ति विवाद सुलझे

यूपी रेरा ने शिकायतकर्ताओं को रेरा द्वारा दिए गए आदेश का अनुपालन करने का अनुरोध करने की सुविधा दी है। पीठ के समक्ष संपन्न समझौते, प्रोमोटर व आवंटी के मध्य सम्पन्न समझौते, धनराशि वापसी या रिफंड, कब्जे व विलम्ब अवधि के साथ कब्जा प्राप्त होने के मामले शामिल हैं। इसके अलावा यूपी रेरा कंसिलिएशन फोरम के जरिये 1500 से ज्यादा मामलों में 600 करोड़ से अधिक की संपत्ति विवादों का समाधान कराया गया है।  



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