24 घंटे में ट्रेनों के कोच में भरा जाता है 18 लाख लीटर पानी
संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। ट्रेनों में पानी की किल्लत की समस्या हमेशा आती रहती है। इसके दाे कारण हैं। पहला उनके टॉयलेट में पानी की सप्लाई करने वाली टोंटी या पाइप से लगातार पानी बहना और दूसरा टैंक में भरे पानी को बहने से रोकने की कोई पुख्ता व्यवस्था न होना। इसी को ध्यान में रखकर अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) ने एनआरवीएस डिवाइस तैयार की है। इन डिवाइस को झांसी मंडल के कोचों में लगाया गया है। इससे कोच में एक बार भरा गया पानी बाहर टोंटी से ही निकल पाएगा।
झांसी से होकर आने जाने वाली 121 ट्रेनों में झांसी रेल मंडल द्वारा ही पानी भरा जाता है। ऐसे में 24 घंटे में यहां 18 लाख लीटर पानी की खपत होती है। यह मात्रा इस कारण भी अधिक हो जाती है क्योंकि कोच में जितना पानी भरा जाता है, उसका दस प्रतिशत कोच के टैंक में दिए गए वॉटर लॉकिंग सिस्टम के पुख्ता न होने के चलते बाहर निकल जाता है। इसे लेकर लगातार शिकायतें भी रेलवे को मिल रही थीं। इसके बाद, रेलवे के लिए काम करने वाली आरडीएसओ ने वॉटर लॉकिंग सिस्टम के लिए नॉन रिटर्न वॉल्व सिस्टम (एनआरवीएस) डिवाइस तैयार की। यह डिवाइस रेल मंडल के 70 कोच में लगाई गई है। यह डिवाइस एलएचबी कोच के लिए तैयार की गई है।
ऐसे काम करती है डिवाइस
कोच के शौचालयों में लगे टैंक में पानी भरते समय डिवाइस पूरे पाइप को ऑटोमेटिक खोल देती है। जब टैंक में पानी सतह तक आ जाता है तो फिर डिवाइस पाइप का मुंह बंद कर देती है। यह डिवाइस क्विक वॉटर सिस्टम पर बेहतर काम करती है।
वर्जन
रेल मंडल के 70 कोच में आरडीएसओ की ओर से बनाई गई एनआरवीएस डिवाइस लगाई गई हैं। इसके आने से पानी की बर्बादी को आसानी से रोका जा सकता है। – मनोज कुमार सिंह, मंडल रेल जनसंपर्क अधिकारी, झांसी