UP: Uproar over comparison of Shikshamitras with animals, government said - no consideration is being given to

यूपी विधानसभा।
– फोटो : अमर उजाला

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सपा सदस्य समरपाल सिंह विधानसभा में शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने को लेकर पूछे गए सवाल के दौरान एक मंत्री के घर का किस्सा सुनाने लगे। उन्होंने कहा कि एक मंत्री के घर पर गया तो नौकर कुत्ते को सहला रहा था। मैंने पूछा कि इस पर कितना खर्च आता है तो उसने 20 हजार रुपये महीना बताया। सरकार शिक्षामित्रों को केवल 10 हजार रुपये दे रही है। इससे उनका भरण-पोषण और बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी। इसके जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि सपा सदस्य ने शिक्षामित्रों की तुलना पशुओं से की, जिसकी मैं निंदा करता हूं। इनकी सरकार में शिक्षा मित्रों को महज 3500 रुपये मिलते थे। सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें शिक्षक नहीं माना तो शिक्षामित्रों के रूप में समायोजित किया गया। हमने मानदेय बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया। फिलहाल मानदेय बढ़ाने पर कोई विचार नहीं हो रहा है।

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मदरसा शिक्षकों का समायोजन करने पर सरकार नहीं कर रही विचार

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओपी राजभर ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार 21 हजार मदरसा शिक्षकों को समायोजित करने पर विचार नहीं कर रही है। ऐसी कोई भी योजना प्रस्तावित नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा सरकार में जब मदरसा आधुनिकीकरण योजना बंद हुई थी, तब आपने चिंता नहीं की। अल्पसंख्यकों के वोट तो चाहिए, लेकिन क्या उनके लिए कोई विश्वविद्यालय खोला था। उन्होंने सदन को बताया कि यह योजना वर्ष 2021-22 तक ही अनुमोदित थी। केंद्र सरकार ने जब अपना 60 फीसद अंश देना बंद कर दिया तो बजट के अभाव में राज्य सरकार को भी योजना को बंद करना पड़ा।

सपा ने उठाया शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों का मामला

 विधान परिषद में मंगलवार को कार्य स्थगन प्रस्ताव के तहत सपा सदस्यों ने परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के मानदेय बढ़ाने और मदरसा शिक्षकों की खराब स्थिति का मुद्दा उठाया। सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने कहा कि बेसिक के शिक्षकों से पढ़ाई से इतर दर्जनों काम लिए जाते हैं। उनकी डिजिटल अटेंडेंस भी लेने का आदेश दिया गया है। इसे समाप्त करना जरूरी है। विभाग में कई एप लागू हैं जिनसे काफी कमीशन आता है। उन्होंने शिक्षकों को 15 सीएल, 15 हाफ सीएल, 30 ईएल, राज्य कर्मचारी का दर्जा व मेडिकल सुविधा देने की मांग की।

आशुतोष ने कहा कि शिक्षामित्र 10 हजार और अनुदेशक 9000 रुपये में अपने परिवार का पालन-पोषण कैसे करेंगे। सपा एमएलसी डॉ. मानसिंह यादव ने कहा कि शिक्षामित्र अयोग्य हैं तो उनसे काम क्यों लिया जा रहा है। उन्हें समान कार्य का समान वेतन दिया जाए। 69000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी, एससी-एसटी के हक पर डाका डाला गया है। नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने मदरसा शिक्षकों की खराब स्थिति, तदर्थ शिक्षकों को बर्खास्त करने, माध्यमिक में मान्यता एक सेक्शन की और प्रवेश 900 छात्रों का, चार विषय में फेल छात्रों को यूपी बोर्ड में ग्रेस देकर पास करने का मुद्दा उठाया। शिक्षा के गिरते स्तर पर उनके सवाल पर माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा कि इस पर विचार किया जाएगा।



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