संवाद न्यूज एजेंसी, लखनऊ
Updated Sun, 04 Aug 2024 01:24 AM IST

इकाना के कोटवा गांव में अपने हाथों से आशियाने को तोड़ता ग्रामीण।
श्रावस्ती। नेपाल में हो रही बारिश के कारण राप्ती नदी में नेपाल के कुसुम बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इससे राप्ती का जलस्तर शनिवार को तीसरे दिन भी जमुनहा के राप्ती बैराज पर खतरे के निशान 127.70 पर स्थिर रहा। इससे जमुनहा, हरिहरपुररानी व गिलौला क्षेत्र में भले ही खतरा नहीं है। लेकिन इकौना क्षेत्र में राप्ती अपने तट पर बसे गांवों के खेतों में कटान कर रही है। वहीं इकौना के कोटवा में नदी गांव का वजूद मिटाने को बेताब दिख रही है। जहां भयभीत ग्रामीण अपने हाथों से आशियाना तोड़ने को मजबूर हैं। वहीं गांव को कटान से बचाने के लिए अब तक जिला प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किया है।
बादलों की लुकाछिपी से बढ़ी परेशानी
जिले में विगत दिनों हुई बारिश के बाद बादलों की लुकाछिपी का खेल जारी है। जिले के कुछ क्षेत्रों में शनिवार को रिमझिम फुहारें पड़ी। इसके बाद शुरू हुआ बादलों की लुकाछिपी का खेल पूरे दिन भी जारी रहा। इससे बढ़ी उमस के कारण जनजीवन बेहाल दिखा। हालांकि सिरसिया क्षेत्र में किसान मौसम की परवाह किए बगैर धान की रोपाई करते नजर आए।
राप्ती नदी में नेपाल के कुसुम बैराज से शनिवार सुबह सात से दोपहर दो बजे तक लगातार प्रति घंटे 18,720 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जबकि राप्ती नदी से राप्ती मुख्य नहर में 2,805 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। लगातार नेपाल से पानी डिस्चार्ज करने से राप्ती का जलस्तर स्थिर बना है।