
एसपी कार्यालय में फर्जीवाड़ा के पकड़े गए आरोपी।
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रायबरेली। फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में यूपी एटीएस व सलोन पुलिस की संयुक्त टीम ने सोनभद्र, संतकबीरनगर, गोरखपुर, कुशीनगर, प्रतापगढ़ और मुरादाबाद से छह शातिरों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से तीन टैबलेट, 11 मोबाइल फोन, सात लैपटॉप, क्रेडिट और डेबिट कार्ड भी बरामद हुए हैं।
शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए मोटी रकम लेकर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र व आधार कार्ड बनाते थे। बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के प्रमाणपत्र बनाने की भी जानकारी मिली है। पुलिस अधीक्षक अभिषेक कुमार अग्रवाल ने शनिवार को मामले की जानकारी दी।
रायबरेली जिले की सलोन तहसील क्षेत्र के नुरुद्दीनपुर, सिरसिरा, गढ़ी इस्लामनगर व गोपालपुर गांव में 19, 184 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में जनसेवा केंद्र (सीएससी) संचालक जीशान, वीडीओ विजय सिंह यादव, रियाज खान और जीशान के नाबालिक भांजे को 18 जुलाई को हिरासत में लिया गया। स्थानीय पुलिस के साथ ही उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपी एटीएस) भी जांच में जुटी थी।
एसपी के मुताबिक एटीएस और सलोन पुलिस की संयुक्त टीम ने शुक्रवार रात फर्जीवाड़ा मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसमें सोनभद्र जिले के राबर्ट्सगंज निवासी गोविंद केशरी, संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद कोतवाली क्षेत्र के सियरासाथा निवासी आकाश कसौधन, गोरखपुर के गोला बाजार कोतवाली क्षेत्र के नूरी मस्जिद निवासी सलमान अली उर्फ सलमान, कुशीनगर के तरया सुजान थाना क्षेत्र के अहिरौली डान निवासी संजीव कुमार सिंह, प्रतापगढ़ जिले के सदर बाजार कोतवाली निवासी वैभव उपाध्याय, मुरादाबाद जिले के मुंडा पांडेय थाना क्षेत्र के डिलरा रायपुर निवासी शाहनवाज शामिल हैं। बांग्लादेशी व रोहिंग्याओं के जन्म प्रमाणपत्र बनाए जाने की विवेचना अभी चल रही है।
वीडीओ की आईडी से बनाते थे प्रमाणपत्र
एसपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी जेल में बंद वीडीओ विजय सिंह यादव की आईडी से फर्जी प्रमाण पत्र बनाते थे। जीशान आरोपियों से मिला था। उसके पास ही वीडीओ की आईडी रहती थी। यही वजह रही कि विजय यादव की आईडी कई साइट पर खोली जाती थी। आरोपियों ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। उसी के माध्यम से फर्जी प्रमाणपत्र की डीलिंग होती थी।