संवाद न्यूज एजेंसी

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झांसी। एक होटल के सभागार में बुंदेलखंड चिंतन बैठक आयोजित हुई। कार्यक्रम में बुंदेलखंड के तमाम जिलों के सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए। वक्ताओं ने बेरोजगारी, अतिवृष्टि और पलायन पर चिंता जाहिर की। महोबा-हमीरपुर के पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत मुख्य अतिथि रहे।

कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि बुंदेलखंड के गांवों में बेरोजगारी और गरीबी के कारण 40 फीसदी लोग गुजरात, पंजाब, दिल्ली और हरियाणा सहित कई महानगरों के लिए पलायन करने को मजबूर हैं। सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी बुंदेलखंड की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। रोजगार के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। शिक्षित नौजवान महज पांच-पांच हजार में प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं।

बताया कि दैवीय आपदा के कारण बुंदेलखंड के किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है जिससे अधिकांश किसान कर्जदार हो गए हैं। बैठक में बुंदेलखंड के पट्टे सिर्फ बुंदेलखंड वासियों को दिए जाने, नौकरी में बुंदेलखंड कैडर बनाने, बुंदेलखंड में मनरेगा मजदूरी 500 रुपये के साथ ही साल में कम से कम 300 दिन काम देने, किसानों को 15 ट्रॉली फ्री बालू ढोने का परमिट देने के साथ ही किसानों को जमीन के अनुसार डीजल का परमिट देने की मांग की गई।

इस मौके पर राम सेवक अड़जरिया, अनिल शर्मा, शैलेंद्र मोहन अवस्थी, राधा प्रजापति, संजय पटवारी, रमाकांत राजपूत, शाहजहां कुरैशी, रिंकू राजपूत आदि मौजूद रहे।



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