रायबरेली। त्योहार की वजह से ट्रेनों में भीड़ है। ज्यादातर ट्रेनें विलंब से पहुंच रही हैं। इससे सफर में समय भी ज्यादा लग रहा है। यही वजह है कि यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीट न मिल पाने की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है। प्रयागराज पैसेंजर और काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस साढ़े चार घंटे विलंब से आई तो बाकी ट्रेनों की लेटलतीफी ने भी इंतजार कराया।

बुधवार को लखनऊ-प्रयागराज पैसेंजर साढ़े चार घंटे, अमृतसर से हावड़ा जाने वाली पंजाब मेल पौने दो घंटे, चंडीगढ़ से प्रयागराज जाने वाली ऊंचाहार एक्सप्रेस डेढ़ घंटे, प्रयागराज से चंडीगढ़ जाने वाली ऊंचाहार एक्सप्रेस व भोपाल-प्रतापगढ़ एक्सप्रेस एक घंटे देर से आई।

पुरी से आनंद विहार जाने वाली नीलांचल एक्सप्रेस, सिंगरौली से टनकपुर जाने वाली त्रिवेणी एक्सप्रेस पौन घंटे, देहरादून से बनारस जाने वाली पंजाब मेल, बनारस से देहरादून जाने वाली पंजाब मेल, प्रयागराज से लखनऊ जाने वाली गंगा गोमती एक्सप्रेस, लखनऊ से प्रयागराज जाने वाली और लखनऊ से वाराणसी जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस आधे घंटे विलंब से पहुंची।

मंगलवार रात बनारस से नई दिल्ली जाने वाली काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस साढ़े चार घंटे और नई दिल्ली से बनारस लौटने वाली काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस दो घंटे विलंब से आई। प्रयागराज से लखनऊ जाने वाली पैसेंजर ट्रेन पांच घंटे देर से पहुंची।

बरेली-प्रयागराज एक्सप्रेस ढाई घंटे, वाराणसी से लखनऊ जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस सवा घंटे और प्रयागराज से सहारनपुर जाने वाली नौचंदी एक्सप्रेस एक घंटे विलंब से आई। ट्रेनों की लेटलतीफी और भीड़ अधिक होने के कारण यात्रियों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। स्टेशन अधीक्षक रवि रंजन ने बताया कि सभी ट्रेनें पिछले स्टेशनों से लेट होने के कारण देर से पहुंची हैं।



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