गोसाईंगंज। जिला जेल में बंद हत्यारोपी बंदी शानू उर्फ आकाश (27) शुक्रवार सुबह गिनती के समय अचेता अवस्था में बैरक में पड़ा मिला। उसे जेल अस्पताल से बलरामपुर रेफर कर दिया। डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। बंदी की मां ने मजिस्ट्रेट से जांच कराने की मांग की है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं नहीं हुआ है। हृदय और बिसरा सुरक्षित रखा गया है।

जेलर ऋत्विक प्रियदर्शी ने बताया कैंट के निलमथा के इब्राहिमपुर निवासी शानू को हत्या समेत अन्य कई आरोपों में पुलिस ने 30 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल अधीक्षक बृजेंद्र सिंह के मुताबिक शुक्रवार को जेल खुलवाने के समय शानू बैरक में अचेत अवस्था में पड़ा था। उसे जेल अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत नाजुक होने पर डॉक्टर ने बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया। यहां डॉक्टर मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शानू के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

पोस्टमार्टम के बाद शाम को शव कैंट स्थित इब्राहिमपुर घर पहुंचा तो परिजनों व रिश्तेदारों ने निलमथा रोड जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इंस्पेक्टर कैंट, पीजीआई व सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस के साथ पहुंचे। परिजनों ने कहा घटना की मजिस्ट्रेट जांच हो। पुलिस ने जांच का आश्वासन देकर 15 मिनट में प्रदर्शन समाप्त करा दिया। इसके बाद परिजन शव अंतिम संस्कार कर दिए।

शानू की मां कलावती ने बेटे की मौत पर सवाल उठाते हुए कैंट पुलिस को तहरीर दी है। उनका कहना है कि पुलिस कर्मी ने उन्हें फोन कर बताया था कि शानू की हृदयगति रुकने से मौत हो गई है। वह इस बात का मानने के लिए राजी नहीं है। उनका कहना है कि बेटा पूरी तरह से स्वस्थ था। उन्होंने जेल की बैरक में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज दिखाने की मांग की है।



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