संवाद न्यूज एजेंसी
रामपुरा। थाना क्षेत्र के बहराई गांव में करीब दस बजे दयाशंकर की झोपडी़ में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल हो गई।
आग लगी देख ग्रामीण दौड़े तो बस फायर ब्रिगेड को सूचना देकर तमाशबीन बने रहे और उन्होंने बच्चों को बचाने की कोई कोशिश नहीं की।
फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक दो मासूमों की मौत हो गई थी। दयाशंकर जब खेतों से लौटा तो वह बार-बार यही कर रहा था कि उसकी झोपड़ी में किसी ने आग लगा दी है। इसलिए कोई आग बुझाने नहीं आया। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि आग लगने के बाद आग विकराल हो चुकी थी। घर दूर होने पर उन्हें देर में जानकारी मिली। सूचना पाकर उपजिलाधिकारी माधौगढ़ सुरेश कुमार पाल , क्षेत्राधिकारी रामसिंह , थानाध्यक्ष रामपुरा संजीव कटियार, अनेक उपनिरीक्षक सहित भारी मात्रा में पुलिसबल ,फायर ब्रिगेड गाड़ी व राजस्व विभाग के अनेक अधिकारी कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंच गए ।
दयाशंकर पत्नी अनीता को लेकर सुबह साढ़े आठ बजे बाजरा काटने खेतों पर गया था। जबकि अपने तीनों बच्चों से घर पर ही रहने के लिए कह गया था। लेकिन दस बजे जैसे ही जानकारी मिली तो कोहराम मच गया। बताया कि उन्होंने केवल डेढ़ घंटे ही काम कर पाया था कि उन्हें जानकारी मिली कि उनके घर में आग लग गई है। वह अपने बड़े बेटे को देखकर कह रहा था कि एक घंटे में ही उसका परिवार बिखर गया।
पतला केबल पड़ा होने से हुआ हादसा : रामपुरा में दयाशंकर भूमिहीन है, वह मजदूरी करता है। घर न होने पर वह घास-फूस की झोपड़ी बनाकर अपने बच्चों के साथ रहता है। घर में रोशनी करने के लिए उसने एक केबल डाल ली थी। कई दिनों से केबल न बदलने से गुरुवार को उसमें शॉर्ट सर्किट होने से हादसा हो गया और दयाशंकर के दो बेटों की मौत हो गई। जबकि बाहर खेल रहा मासूम राज बच गया।