तालबेहट (बबीना)-में किसान संगोष्ठी में उठा समर्थन मूल्य पर खरीद का मुद्दा, सरकारी निर्देश से किसानों को राहत की आस-
बुंदेलखंड में इस साल मूंगफली का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, जो किसानों के लिए राहत का बड़ा जरिया साबित हो रहा है। प्रतिकूल मौसम के बावजूद इस फसल से किसानों को रबी की बुआई के लिए खाद, बीज और जाड़े के मौसम की अन्य जरूरतों को पूरा करने का सहारा मिला है। हालांकि, भारी बारिश के चलते मूंगफली की फसल दागी हो गई, जिससे किसानों को बाजार में उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। व्यापारी किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर मूंगफली 2500 से 3500 रुपए प्रति कुंतल की दर से खरीद रहे हैं, जबकि सरकार का समर्थन मूल्य 7800 रुपए प्रति कुंतल है।
किसानों की इस परेशानी को लेकर तालबेहट में परमार्थ संस्था द्वारा एक किसान संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें किसानों ने मूंगफली की खरीद पर अपनी समस्या प्रमुखता से उठाई। परमार्थ संस्था के प्रमुख डॉ. संजय सिंह ने किसानों की पीड़ा को समझते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, मनोज कुमार सिंह से चर्चा की। किसानों की हालत का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव ने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिया कि बुंदेलखंड के सभी जिलों में सरकारी क्रय केंद्र खोलकर समर्थन मूल्य पर मूंगफली की खरीद सुनिश्चित की जाए।
सरकार के इस कदम से किसानों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है। तालबेहट के हनोता गांव की किसान फूलवती देवी कहती हैं, “यह हम किसानों के लिए बेहद राहत देने वाली खबर है।” वहीं, चंद्रापुर गाँव के किसान भूपेंद्र झा का कहना है, “अगर सरकार समर्थन मूल्य पर मूंगफली खरीदेगी, तो यह हमारे लिए बड़ी राहत होगी और हमें आर्थिक संकट से उबरने में मदद मिलेगी।” झांसी के काकोरी गांव के कल्याण यादव का मानना है कि समर्थन मूल्य पर खरीद से किसानों को सही दाम मिलेगा और वे अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर पाएंगे।
परमार्थ संस्था के किसानो के मुद्दों को लेकर काम करने वाले संयोजक मानसिंह राजपूत ने सरकार की इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “सरकार का यह संवेदनशील कदम किसानों के हित में है। इससे उनकी फसल का सही मूल्य मिल सकेगा और बिचौलियों द्वारा की जा रही बेईमानी पर अंकुश लगेगा।