बिना पासबुक और पहचान के निकासी: बैंक कर्मचारियों की लापरवाही उजागर, खाताधारक के 49,000 रुपये निकाले गए,पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की मांग की
बबीना(झांसी)-ब्लॉक बबीना के घिसौली गांव की श्रीमती राराबाई, जिनका बचत खाता पंजाब नेशनल बैंक, बबीना शाखा में है, उनके खाते से 21 नवंबर 2024 को अवैध तरीके से ₹49,000 की निकासी कर ली गई। इस घटना में बैंक कर्मचारियों और मैनेजर की गंभीर लापरवाही सामने आई है।
आपको बताते चलें कि दिनांक 21नवंबर को दोपहर 1:20 बजे रारा बाई के पुत्र अर्जुन सिंह के मोबाइल पर ₹49,000 की निकासी का संदेश प्राप्त हुआ। जब अर्जुन सिंह ने अपने भतीजे धीरेंद्र सिंह से पूछा कि क्या उन्होंने दादी (रारा बाई) के साथ जाकर पैसे निकाले हैं, तो धीरेंद्र सिंह ने ऐसी किसी भी निकासी से इनकार किया।
यह सुनकर रारा बाई, अर्जुन सिंह और धीरेंद्र सिंह हक्के-बक्के रह गए। 22 नवंबर को बैंक पहुंचकर उन्होंने मैनेजर को अवगत कराया और एक प्रार्थना पत्र देकर खाते को फ्रीज करने और पैसे की वापसी की मांग की।
शाम करीब 4 बजे, बैंक मैनेजर ने फोन करके रारा बाई के बड़े पुत्र लाखन सिंह को फोन करके बैंक बुलाया और अपनी ओर से ₹49,000 की नगद राशि सौंप दी। लेकिन साथ ही, जिस विड्रोल फॉर्म के जरिए पैसे निकाले गए थे, उसे फाड़कर नष्ट कर दिया गया और बैक डेट 21 नवंबर का विड्रॉल फॉर्म भरवाकर ले लिया। यह कदम निकासी के साक्ष्य मिटाने और अपनी लापरवाही छुपाने का प्रयास प्रतीत होता है।
यह मामला बैंकिंग प्रणाली की गंभीर खामियों को उजागर करता है। सवाल यह उठता है कि बिना पासबुक और पहचान सत्यापन के, किसी भी व्यक्ति को दूसरे के खाते से पैसे निकालने की अनुमति कैसे दी गई?
सूत्रों के अनुसार, रारा बाई के खाते से कुछ दिन पहले ग्राम सिमरिया निवासी एक व्यक्ति ने बैंक में एक प्रार्थना पत्र देकर खाता धारक के मोबाइल नंबर पर एसएमएस सेवा बंद करने की मांग की थी। यह व्यक्ति संदेह के घेरे में है और उसकी भूमिका की जांच की आवश्यकता है।
यह पहली बार नहीं है जब पंजाब नेशनल बैंक, बबीना शाखा में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। इससे पहले भी कई शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिन्हें लीपापोती करके दबा दिया गया।
रारा बाई और उनके परिवार ने इस घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की है ताकि दोषियों को सजा दी जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। बैंक की प्रक्रिया और सुरक्षा मानकों की समीक्षा कर उन्हें और मजबूत बनाया जाए। ग्राहकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
यह घटना बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और सुरक्षा की कमी को उजागर करती है। जब तक ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, ग्राहकों का विश्वास बैंकिंग प्रणाली से कम होता रहेगा। यह समय है कि बैंक अपने सिस्टम को सुधारें और खाताधारकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।पीड़ित के पुत्र अर्जुन सिंह ने बबीना थाने में प्रार्थना पत्र देकर साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कारवाही की मांग की।
