कहा कि सरकार अपने सारे कार्यों पर पर्दा डालने के लिए ऐसा कर रही है। डिविजनल कमिश्नर के बयान पर कहा कि वह उधारू कमिश्नर हैं। उनकी उतनी जिम्मेदारी नहीं है, जितनी यहां के कमिश्नर की है। उनकी बातों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।
आपको बताते चलें कि बीती 24 नवंबर को मस्जिद सर्वे के दौरान संभल में बवाल हो गया था। इसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। कई लोग घायल हुए थे। यहां तक कि डिप्टी एसपी के पैर में गोली लगने से वह घायल हो गए थे। इसके बाद से वहीं पर स्थिति तवनाव पूर्ण है। दूसरी तरफ मामले में राजनीति भी खूब हो रही है।
इसी क्रम में शनिवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में सपा का 15 सदस्यीय डेलिगेशन संभल जाने वाला था। सपा नेता संभल में पीड़ितों से मिलकर जानकारी जुटाने की बात कह रहे थे। इसके बाद इसकी जानकारी सपा मुखिया के साथ साझा करना था। उनके निकलने से पहले ही पुलिस उनके घरों के बाहर तैनात मिली।
संभल डीएम ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत किसी भी प्रतिनिधि का जनपद में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है। इसी पत्र के आधार पर पुलिस ने सपा नेताओं को उनके घर पर ही रोक लिया है।