UP: Employees took out a procession across the state against electricity privatization, warned to withdraw the

बिजली कर्मियों ने निकाला जुलूस।
– फोटो : अमर उजाला।

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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति से जुड़े अभियंताओं एवं कार्मिकों ने मंगलवार ने काम खत्म करने के बाद मोमबत्ती जुलूस निकाला। प्रदेश सरकार और कार्पोरेशन प्रबंधन ने निजीकरण का फैसला वापस लेने की मांग की।

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संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2016 में उज्जैन महाकुंभ के दौरान उज्जैन की बिजली व्यवस्था निजी कंपनी के पास थी। कंपनी ने महाकुंभ के दौरान बिजली का नेटवर्क तैयार करने और बिजली आपूर्ति करने से इनकार कर दिया था। तब मध्य प्रदेश सरकार को निजीकरण का करार रद्द करना पड़ा था, जबकि पूर्वांचल के विद्युत कर्मी पूरी तत्परता से प्रयागराज में आपूर्ति व्यवस्था बनाए हुए हैं। 

संघर्ष समिति ने कहा कि निजी क्षेत्र की विमानन कंपनियों ने महाकुम्भ के दौरान लखनऊ से प्रयागराज का किराया 36 हजार रुपए कर दिया है। यदि बिजली निजी क्षेत्र में होती तो महाकुम्भ में 20-30 रुपये प्रति यूनिट की दरों पर बिजली मिलती। निजीकरण का फैसला लेते समय यह भी सरकार को विचार करना चाहिए।



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