मोंठ(झांसी)- सोमवार को नगर स्थित प्राचीन किले की जमीन से अवैध मिट्टी खनन का मामला सामने आया है। इस खनन का एक वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें माफिया भारी-भरकम मशीनों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का उपयोग कर मिट्टी की खुदाई करते नज़र आ रहे हैं। वीडियो वायरल होते ही पुरातत्व विभाग हरकत में आया और कार्यवाही की तैयारी शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, यह पहली बार नहीं है, जब प्राचीन किले की जमीन पर अवैध खनन का मामला सामने आया हो। इससे पहले भी ऐसे ही मामलों की खबरें आई थीं, जिन पर जांच कर संबंधित अधिकारियों ने कार्यवाही शुरू की थी। हालांकि, हाल ही में सामने आए नए वीडियो ने एक बार फिर प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि माफिया संगठित तरीके से काम कर रहे हैं और मिट्टी को ऊंचे दामों में क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में बेच रहे हैं। इस अवैध खनन से न केवल ऐतिहासिक किले की संरचना को नुकसान पहुंचने का खतरा है, बल्कि यह सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए भी एक गंभीर चुनौती बनता जा रहा है।
अब देखना यह है कि प्रशासन और पुरातत्व विभाग इस मामले में क्या ठोस कदम उठाते हैं और क्या इस बार दोषियों को सख्त सजा दिलाने में कामयाब होते हैं। अवैध खनन रोकना न केवल क़ानून व्यवस्था के लिए चुनौती है बल्कि यह हमारी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा का भी मामला है।
उक्त मामले में पुरातत्व अधिकारी मनोज यादव ने बताया, “राज्य संरक्षित मोंठ के प्राचीन किला की जमीन पर जेसीबी और ट्रैक्टर-ट्राली से अवैध खनन की सूचना मिली। जिसमें किसी प्रकार की अनुमति व परामर्श आदि नहीं किया गया। किले की भूमि पर असामाजिक तत्व अवैध रूप से खनन कर रहे हैं, पूर्व में भी इन्हें चेताया गया था।” उन्होंने कहा कि “किले पर नोटिस चश्मा किया गया था, जिसकी अवहेलना अवैध खनन करके की गई है। उक्त मामले से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया, अगर फिर भी उक्त भूमि पर खनन किया जाता है तो एफाईआर दर्ज कराई जाएगी।
