राजधानी लखनऊ में गोमती नगर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में सोमवार को नाबार्ड का 44वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। इसमें सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने भी हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी बैंक (यूपीसीबी) का शुद्ध लाभ आठ वर्ष में तीन गुना बढ़ गया है। जिला सहकारी बैंकों का कारोबार भी 41,234 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। सहकार सारथी प्रणाली के जरिये सभी जिला सहकारी बैंकों को डिजिटल किया जाएगा।
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सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के 5700 से अधिक निष्क्रिय सदस्यों को पुनः सक्रिय किया है। वहीं, 3500 सदस्य भी जोड़े गए हैं। इसके फलस्वरूप 88.4 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी भी जुटाया गया, जो पैक्स की वित्तीय मजबूती की दिशा में एक अहम उपलब्धि है। इसके अलावा 2000 नए बहुद्देश्यीय पैक्स (एम-पैक्स) का गठन और 37,500 मीट्रिक टन क्षमता वाले 375 गोदामों को कृषि अवसंरचना निधि के तहत मंजूरी दी गई है। उन्होंने पैक्स: एक नया आयाम नामक प्रकाशन का भी विमोचन किया।
वहीं, नाबार्ड उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक पंकज कुमार ने सहकारी क्षेत्र की मजबूत प्रगति के बारे में बताया। सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव सौरभ बाबू ने दूरदराज के क्षेत्रों में वित्तीय पहुंच सुधारने के लिए माइक्रो-एटीएम सेवाओं के विस्तार की जरूरत बताई।
इन लोगों को किया गया पुरस्कृत
इस अवसर पर उत्कृष्ट योगदान देने वाले संस्थानों को सम्मानित किया गया। मुरादाबाद, मेरठ और मुज़फ्फरनगर डीसीसीबी को उनकी वित्तीय उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत किया गया। मेरठ और लखीमपुर खीरी के पैक्स को पुरस्कृत किया गया, जबकि बिजनौर और शाहजहांपुर के पैक्स को गैर ऋण क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया। सनौली को सहकारिता मंत्रालय की पहल के आदर्श क्रियान्वयन के लिए वर्ष का सर्वश्रेष्ठ एम-पैक्स पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर रजिस्ट्रार योगेश कुमार सहित तमाम अधिकारी मौजूद थे।