झांसी। फर्जी फर्म बनाकर न केवल कागजों में कारोबार किया, बल्कि ऐसी कंपनी को आईटीसी दे दी, जो अस्तित्व में ही नहीं है, यानी कि उसका पंजीयन पहले ही निरस्त हो चुका।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *