ललितपुर। आचार्य निर्भयसागर महाराज ने कहा कि नम्रता और प्रिय वचन मनुष्य के आभूषण हैं। जिनके हृदय में सत्य का वास है, उसके हृदय में परमात्मा का वास रहता है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *