लखनऊ। मोहनलालगंज स्थित एसएसबी मुख्यालय में तैनात कांस्टेबल वीरेंद्र सिंह ने सात लोगों के खिलाफ 1.72 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की एफआईआर थाने में दर्ज कराई है। आरोपियों पर उनसे, छह एसएसबी जवानों और चार अन्य से रियल एस्टेट फर्माें में निवेश के नाम पर ठगी करने का आरोप है।

वीरेंद्र के मुताबिक एक साल पहले पूर्व एसएसबी जवान जम्मू कश्मीर के राजबाघ निवासी गुरमीत सिंह ने स्टाइल-ओ एंटरप्राइजेज, स्टाइल-ओ क्वाइन और शैली फर्म शुरू की थी। वहीं, इसके सहयोगी जम्मू कश्मीर के सांवा में रहने वाले तारा चंद ने शाबू ट्रेडर्स रियल एस्टेट फर्म का संचालन शुरू किया था। फर्म में नरेश चौधरी, मुस्कान चौधरी, सुनील चौधरी, विशाल चौधरी और गुरजीत सिंह शामिल थे। मार्च में 2024 में गुरमीत और तारा चंद्र ने व्हाट्सएप के जरिये उनसे संपर्क कर जम्मू कश्मीर स्थित अपनी फर्म में निवेश कर प्रतिमाह दस फीसदी लाभ कमाने का झांसा दिया था।

झांसे में लेने के लिए दिए कीमती उपहार

पीड़ित कांस्टेबल ने बताया कि गुरमीत ने जाल में फंसाने के लिए उन्हें व अन्य जवानों को मोबाइल, लैपटॉप और बाइक उपहार के तौर पर दिए। झांसे में आने पर वीरेंद्र ने दोनों की फर्मों में 22 लाख, मध्य प्रदेश के दतिया निवासी कांस्टेबल आशीष कुमार पांडेय ने चार लाख, जम्मू कश्मीर के रजौरी निवासी एएसआई राजकुमार ने चार लाख, गाजीपुर जिले के नोनहारा में रहने वाले कांस्टेबल संदीप सिंह ने 14 लाख, अयोध्या के कैंट निवासी कांस्टेबल प्रदीप कुमार दूबे ने 12.18 लाख, राजस्थान के खैरथल के रहने वाले कांस्टेबल मनोज कुमार यादव ने चार लाख, राजस्थान के जयपुर निवासी कांस्टेबल संतोष यादव ने 9.92 लाख, पीजीआई उतेठिया के इंश्योरेंस कंपनी के मैनेजर अंकित पांडेय ने 4.95 लाख, पीजीआई के ही ज्ञान चंद्र ने पांच लाख और बिजनौर के रहने वाले सौरभ कुमार मिश्रा ने 92.48 लाख रुपये निवेश कर दिए। सौरभ वर्तमान में इटावा के सैफई स्थित उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में मुख्य आरक्षी मंत्रालयिक हैं।

लालच में पड़े

कई जवानों से छोड़ी

नौकरी

वीरेंद्र के मुताबिक गुरमीत सिंह के दिए गए लालच में कई जवानों ने नौकरी तक छोड़ दी। फिर पीड़ितों के सहारे उसने अर्धसैनिक बलों और क्रेंद्रीय पुलिस बलों के बीच अपनी पैठ बना ली। कुछ दिन बाद गुरमीत ने कहा कि सरकार ने उनकी फर्मों के खाते फ्रीज कर दिए हैं। वह यूएसडीटैक नाम की दूसरी कंपनी में साइट बनाकर लोगों मुनाफे की रकम क्रिप्टो करेंसी के रूप में देंगे। अप्रैल 2025 तक भी उन्हें कोई मुनाफा नहीं मिला। इतना ही नहीं गुरमीत विदेश भाग निकला। पीड़ित ने मोहनलालगंज थाने में शिकायत की। इंस्पेक्टर मोहनलालगंज डीके सिंह के मुताबिक मामले की विवेचना की जा रही है। जल्द ही साक्ष्य संकलन कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।



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