झांसी-जिला कृषि रक्षा अधिकारी के.के सिंह द्वारा कृषक से अनुरोध किया गया है कि खरीफ मे गुणवत्ता युक्त उत्पादन प्राप्त करने हेतु अपनी मृदा एंव बीज को अवश्य शोधित करें। बीज शोधन/भूमि शोधन द्वारा फसलो को विभिन्न प्रकार से क्षति पहुचाने वाले प्रमुख कीट दीमक सफेद गिडार, सूत्रकृमि, लेपीडोप्टेरस एंव गुजिया आदि कीट एंव फफूदी/जीवाणु जनित रोगो जैसे झुलसा/पत्ती धारी रोग ,ब्लाइट , उकठा ,मेल्डयू आदि प्रमुख कीट हैं। भूमि शोधन हेतु जैविक रसायन व्युवेरिया वेसियाना 2.5किग्रा0/हे0, अथवा रसायन क्लोरोपाइरीफास 2.5किग्रा0/हे0, अथवा फेनवेलरेट 2.5किग्रा0/हे0, अथवा कार्बोफ्यूरान 2.5किग्रा0/हे0, से किया जा सकता है।एंव बीज शोधन हेतु ट्राइकोडर्मा 4ग्राम/किग्रा0 अथवा थिरम 2.5ग्रा0/किग्रा0 अथवा कार्बनडाजिम 2ग्रा0/किग्रा0, की दर से उपचारित कर बुआाई करें। जिससे गुणवत्ता युक्त उत्पादन के साथ ही कृषक के श्रम का शत् प्रतिशत लाभ प्राप्त हो सके जिला कृषि रक्षा अधिकारी द्वारा कृषको बन्धुओ से अनुरोध किया गया है कि अपने नजदीकी ब्लांक स्थित कृषि रक्षा ईकाई से रसायन लद्यु एंव सीमान्त कृषक अनुदान पर प्राप्त कर सकते है। परन्तु रसायनो पर डी0बी0टी व्यवस्था लागू हो जाने के कारण कृषक निम्न अभिलेख जैसे-कृषक पंजीकरण, खतौनी, आधार कार्ड, पास बुक की फोटो कापी सम्बन्धित प्रभारी को उपलब्ध कराकर पूरा मूल्य देकर रसायन क्र्रय कर सकते है। एंव अनुदान कृषको के खाते में डी0बी0टी0 प्रक्रिया के माघ्यम से स्वतः पहुंच जायेगा।

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