जालौन। अन्नापूर्णा भवन के लिए आई राशि का गबन करने के आरोप में बीडीओ ने हरिपुरा सारंगपुर की ग्राम प्रधान सहित छह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। दरअसल, जालौन ब्लॉक के हीरापुर व हरिपुरा सारंगपुर में बिना अन्नपूर्णा भवन बनाए ही 12 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया था।
अमर उजाला ने इस फर्जीवाड़े पर रविवार व सोमवार के अंक में खबर प्रकाशित की थी। इस पर उच्चाधिकारियों ने पूरे जांच बीडीओ जालौन गणेश कुमार को सौंपते हुए रिपोर्ट देने की बात कही थी। बीडीओ ने जांच की तो पता चला कि हीरापुर ग्राम पंचायत में बिना काम कराए ही भुगतान कर लिया गया है। हरिपुरा सारंगपुर में जिम्मेदारों को जानकारी मिलने पर उन्होंने दो दिन पहले काम शुरू करवा दिया था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि सात जुलाई को ग्राम पंचायत हीरापुर की लॉगिन आईडी से दो दिन का मस्टर रोल ग्राम प्रधान हीरापुर गिरीश कुमार द्वारा जारी किया गया। इसमें ग्राम तकनीकी सहायक रामहेत लोधी से मापांकन कार्य कराकर बिना सचिव के हस्ताक्षर के पांच दिन का कुल 2520 रुपये का भुगतान श्रमिकों के खाते में कराया गया। मस्टर रोल पर भी एक ही दिन की उपस्थिति दर्ज है।
वहीं, लेखा सहायक दिव्या गोस्वामी एवं लेखाकार हेमंत मिश्रा ने भी बिना परीक्षण के कंप्यूटर ऑपरेटर शिवभूषण के माध्यम से 21 जुलाई को भुगतान करा दिया। इसी तरह ग्राम पंचायत सारंगपुर के मजरा हरीपुरा में 25 जून को ग्राम पंचायत की लॉगिन आईडी से मस्टर रोल जारी किया गया। इसमें चार मजदूरों का 1008 रुपये का भुगतान ग्राम प्रधान गीता मिश्रा एवं तकनीकी सहायक रामहेत लोधी द्वारा बिना सचिव के हस्ताक्षर के कंप्यूटर ऑपरेटर, सहायक लेखाकार, एवं लेखाकार की मिलीभगत से 30 जून 2025 को कराया गया।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 29 जुलाई को निर्माण सामग्री के 6,61,024 रुपये के बिल के भुगतान की फीडिंग विकास खंड में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर शिवभूषण ने की। इसमें ठेकेदार आरवी ग्रुप के राजवीर सिंह, ग्राम प्रधान सारंगपुर गीता मिश्रा और तकनीकी सहायक रामहेत लोधी की भी संलिप्तता पाई गई।
इसी तरह ग्राम पंचायत हीरापुर में आरवी ग्रुप राजवीर सिंह एवं तकनीकी सहायक ने मिलकर 6,61,109 रुपये की कंप्यूटर ऑपरेटर के माध्यम से फीडिंग कराई गई। लेखा सहायक दिव्या गोस्वामी एवं लेखाकार हेमंत मिश्रा ने बिना पत्रावलियों का परीक्षण किए ही 29 जुलाई को दोनों कार्यों के भुगतान के लिए डिजिटल हस्ताक्षर कर दिए।
22 सितंबर को कैग की टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया था। इसमें धोखाधड़ी से भुगतान मिला था। बीडीओ की रिपोर्ट में हीरापुर के ग्राम प्रधान गिरीश कुमार की इस मामले में संलिप्तता नहीं मिली है। एएसपी प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया कि बीडीओ की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने छह लोगों पर गबन की रिपोर्ट दर्जकर जांच शुरू कर दी है।
इनके खिलाफ दर्ज हुई रिपोर्ट
इस पर बीडीओ ने ग्राम प्रधान सारंगपुर गीता मिश्रा, ग्राम तकनीकी सहायक रामहेत लोधी, ठेकेदार आरवी ग्रुप राजवीर सिंह, ब्लॉक में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर शिवभूषण, लेखा सहायक दिव्या गोस्वामी व लेखाकार हेमंत मिश्रा को सरकारी धन का गबन करने पर रिपोर्ट दर्ज कराई है।
यह है अन्नपूर्णा योजना
सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और दुरुस्त बनाने व राशन कार्डधारकों को सुचारू रूप से खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने अन्नपूर्णा भवन योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत हर ग्राम पंचायत में 484 वर्गफीट क्षेत्रफल में भवन बनना था। इन भवनों को ग्राम पंचायत की आय का साधन भी बनना था।
कानूनी कार्रवाई हुई, विभागीय कार्रवाई भी होगी
डीसी मनरेगा रामेंद्र कुशवाह का कहना है कि मनरेगा में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पहले भी दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। दोनों ग्राम पंचायतों में हुए कार्यों में गबन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा चुकी है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।
फोटो – 01 रविवार के अंक में प्रकाशित खबर का पीडीएफ। संवाद