उरई। कालपी के छौंक गांव में हुए फर्जी बैनामा कांड की एसआईटी जांच कर रही है। टीम ने बुधवार को बैनामा कांड में वायरल हुए एक वीडियो में पुलिस गिरफ्त में आरोपी एक व्यक्ति को पांच लाख रुपये देने की बात कह रहा था। उससे पूछताछ की और जानकारी ली लेकिन दूसरे पुरवा मगरौल में फर्जी आधार से हुए बैनामा कांड की पुलिस जांच ठंडे बस्ते में रखे हुए हैं।

8 अगस्त 2023 को कालपी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम छौंक में विद्यावती का फर्जी आधार कार्ड बनाकर हाईवे किनारे की जमीन का बैनामा कराकर दो करोड़ 17 लाख रुपये की ठगी की गई थी। मामले में पुलिस ने 26 लोगों पर कार्रवाई की थी। अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की पुलिस ने आधार फर्जीवाड़ा में जालौन कस्बा के बापू साहब निवासी धर्मेंद्र सक्सेना को कोलकाता से गिरफ्तार किया था। मामले में आया था कि महिला का फर्जी आधार कार्ड बनाने में धर्मेंद्र सक्सेना की फर्म के कुछ लोग शामिल थे। इसके साथ ही उसका नाम भी जोड़ा जा रहा था। इस पर एसपी ने शनिवार को एसआईटी गठित कर दी थी। घटना के दौरान जांच में हीलाहवाली करने में कोतवाल परमहंस तिवारी व अतिरिक्त निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। तत्कालीन सीओ देवेंद्र पचौरी के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीआईजी को पत्र भेजा गया है।

मामला चर्चित हो जाने पर पुलिस इसी तक सीमित बनी हुई है। लेकिन अगर देखा जाए तो इस मामले में आधार कार्ड के खेल में छौंक गांव की विद्यावती ही जालसाजों की शिकार नही हुई थी बल्कि भूमाफिया ने फर्जी आधार कार्ड के सहारे और भी घोटाले किए हैं। इसमें नया पुरवा मगरौल निवासी राममोहन ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने मुल्लू पुत्र दीनदयाल के आधार में संशोधन कराकर उसे मुल्ला पुत्र धनी बनाकर बेशकीमती जमीन का बैनामा करा लिया है। जबकि धनी तो उसके बाबा का नाम था। उसने इस मामले की शिकायत उपजिलाधिकारी से की थी। इसके साथ ही उसने जांच कराए की मांग की थी। लेकिन अभी तक जांच पूरी नही हो सकी है। जबकि उसके आधार में पिता का नाम ही बदल दिया है। जबकि राशन कार्ड में अभी भी मुल्लू पुत्र देवीदयाल ही दर्ज है। अगर पुलिस इन सभी मामलों की जांच करें तो और भी खुलासे हो सकते हैं।

वर्जन

एसआईटी पूरे मामले की दोबारा जांच कर रही है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

डॉ. दुर्गेश कुमार, एसपी जालौन



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