राजधानी लखनऊ की सड़कों को जाम से निजात दिलाने और सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए शहर में 16 ट्रैफिक थाने बनेंगे। यातायात पुलिस ने इसका प्रस्ताव बनाकर निदेशालय भेजा है। इसे मंजूरी मिलते ही प्रक्रिया शुरू होगी।

प्रस्ताव के मुताबिक, शहर में उन रूटों पर थाने बनाए जाएंगे जहां पर हादसे सबसे अधिक होते हैं और जाम की समस्या बनी रहती है। साथ ही शहर से जुड़ने वाले आगरा एक्सप्रेसवे, कानपुर हाईवे, सुल्तानपुर हाईवे, अयोध्या, रायबरेली और सीतापुर हाईवे पर ट्रैफिक थाने बनाने को प्राथमिकता दी गई है, क्योंकि हाईवे पर हादसे व जाम की संभावना अधिक रहती है।

लखनऊ में जाम बड़ी समस्या है। इसके अलावा सड़क हादसों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। इससे लोगों की मौत हो रही है। इसे रोकने के लिए नई पहल की गई है।

लोकल थानों पर नहीं रहना पड़ेगा निर्भर

कमिश्नरेट में ट्रैफिक पुलिस विंग ही यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करती है। इसमें थानों की पुलिस सहयोग करती है लेकिन मानक के हिसाब से पुलिसकर्मियों की संख्या कम है। जब ट्रैफिक थाने बनेंगे तो उनका मुख्य काम ही यातायात व्यवस्था को संभालना होगा। ट्रैफिक पुलिस की संख्या भी बढ़ेगी। इससे यातायात नियंत्रित करना आसान होगा।

हादसा होने पर घटनास्थल पर जल्द पहुंच सकेगी पुलिस

ट्रैफिक थानों से हाईवे का यातायात बेहतर होने की पूरी संभावना है। वहीं हादसों पर भी अंकुश लगेगा। यही नहीं हादसों के वक्त पुलिस की पहुंच भी जल्द होगी। अगर, शहर के भीतर की बात करें तो भी यातायात नियंत्रण में काफी मदद मिलेगी। कुल मिलाकर ये योजना कारगर साबित हो सकती है।



डीसीपी ट्रैफिक कमलेश कुमार दीक्षित ने बताया कि यातायात निदेशालय की तरफ से ट्रैफिक थानों का प्रस्ताव मांगा गया था। टीम गठित कर विस्तृत आंकलन किया गया। इसमें शहर में 16 ट्रैफिक थानों की जरूरत पाई गई। प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। अब निदेशालय आगे की प्रक्रिया शुरू करेगा। 



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