डाक टिकटों का शौक आज के हाईटेक जमाने में भले ही कम लोगों में देखने को मिलता हो लेकिन शहर के सराफा कारोबारी अतुल किशन अग्रवाल 60 साल की उम्र में भी इसे संजीदगी से संजोए हुए हैं। उनकी आलमारी में 30 देशों के करीब 11 हजार डाक टिकटों का अनोखा संग्रह है, जिसमें 80 दशक से लेकर आधुनिक दौर तक के टिकट शामिल हैं। इसके लिए उन्हें दिल्ली में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में सम्मानित भी किया गया था।
डाक टिकट और चिट्ठियां एकत्र करने का शौक
सराफा कारोबारी अतुल किशन अग्रवाल ने बताया कि उन्हें बचपन में यह सीख अपने शिक्षक से मिली। विपिन बिहारी इंटर कॉलेज में गणित के प्रवक्ता रहे वीरेंद्र अग्रवाल को भी डाक टिकट और चिट्ठियां एकत्र करने का शौक था। यह देखकर उनके भी मन में जिज्ञासा जागी। फिर धीरे-धीरे उन्होंने भी डाक टिकटों का संग्रह करना शुरू कर दिया। वह 11वीं कक्षा में पढ़ने के दौरान यह काम शुरू किया। यह सिलसिला अब तक चल रहा है। उन्होंने सभी टिकटाें के संग्रह को खूबसूरती से सजाकर एल्बम का रूप दिया है।
टिकटों को सजाकर प्रदर्शित
अतुल का कहना है कि प्रत्येक टिकट देश-विदेश की संस्कृति, इतिहास और उपलब्धियों की झलक दिखाता है। ये टिकट उन्होंने अपने विदेशी दोस्तों के माध्यम से आदान-प्रदान किए। वे समय-समय पर इन टिकटों को सजाकर प्रदर्शित भी करते हैं, ताकि नई पीढ़ी को इस रोचक शौक के बारे में जानकारी मिले। उनका सपना है कि एक दिन वह अपने संग्रह की प्रदर्शनी लगाकर लोगों को टिकटों के जरिये दुनिया की सैर कराएं।
एक लाख मूल्य से अधिक के टिकटों का संग्रह
अतुल ने एक लाख मूल्य से ऊपर के डाक टिकटों का भी संग्रह किया है। इसमें भारत के ज्यादातर टिकटों का संग्रह है। इसमें स्वतंत्रता सेनानी, राजनेताओं, महापुरुषों, धार्मिक, सांस्कृतिक एकता, पुरातत्व धरोहरों, चलचित्र, खेलों और पुरस्कारों के उपलक्ष्य में जारी हो चुके टिकट भी शामिल हैं।
विदेशी टिकट भी मौजूद
अतुल के पास नेपाल, भूटान, रूस, अमेरिका, श्रीलंका समेत अन्य देशों के डाक टिकटों का संग्रह हैं। इनमें भूटान का एक टिकट जो थ्री-डी पर बना है और इसमें महात्मा गांधी का चित्र उकेरा गया है। उनके पास 50 पैसे से लेकर 50 रुपये तक के टिकट हैं।
झांसी से भी जुड़े हैं डाक टिकट
रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, मेजर ध्यानचंद, मैथिलीशरण गुप्त, वृंदावन लाल वर्मा, झांसी रेल आदि।
डाक टिकटों पर आप लगा सकते हैं अपनी फोटो
डाक विभाग के प्रवर अधीक्षक ने बताया कि भारतीय डाक विभाग डाक टिकट संग्रहकर्ताओं के लिए माई स्टैंप योजना संचालित की है। इसमें अपनी फोटो वाले डाक टिकट बनवा सकते हैं। विभाग फिलैटली (डाक टिकट संग्रह) को बढ़ावा देता है और इसके लिए टिकटों की खरीद और प्रदर्शन की सुविधा प्रदान करता है। साथ ही टिकटों के अध्ययन व संग्रह में रुचि रखने वालों को एकजुट करने के लिए क्लबों और प्रदर्शनियों में शामिल होने का अवसर भी देता है।