गोमती का किनारा होगा और देशभर की संस्कृतियां अपने व्यंजनों, रहन-सहन, पहनावे और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की छटा बिखेरेंगी। हर वर्ष की तरह इस बार भी अमर उजाला और संस्कृति विभाग लेकर आ रहे हैं संस्कृतियों का महाकुंभ संगम। गोमतीनगर के समतामूलक चौराहे के निकट रिवर फ्रंट पर आगामी 24 और 25 दिसंबर यह भव्य आयोजन होगा। इसमें सभी उम्र वर्ग के लिए एक ही जगह मौजूद होगा एक ऐसा महोत्सव जो दिन में गुनगुनी धूप और शाम को गुलाबी ठंड के बीच संगीत, साहित्य और मनोरंजन की त्रिवेणी से तन-मन को आनंदित कर देगा।

कार्यक्रम का शुभारंभ 24 दिसंबर को सुबह 10 बजे किया जाएगा। 24 की शाम के आकर्षण होंगे दिग्गज कवि कुमार विश्वास जो अपनी रचनाओं से श्रोताओं का मनोरंजन करेंगे। उद्घाटन के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शृंखला शुरू होगी। इसके साथ ही अलग-अलग समाज के स्टाॅलों पर खानपान का लुत्फ भी उठा सकेंगे। यहां पर शहर के लोगों को अलग-अलग तरह के व्यंजनों को चखने का अवसर मिलेगा। उनकी संस्कृतियों से भी रूबरू हो सकेंगे। यहां भोजपुरी समाज की ओर से लिट्टी-चोखा, तो अवध की लज्जतदार रसोई का भी लुत्फ उठा सकेंगे। सिंधी कढ़ी के साथ ही पंजाबी रेसिपी मक्के की रोटी और सरसों का साग भी चखने को मिलेगा।

महिला सशक्तीकरण को दर्शातीं उद्यमियों की ओर से घर से तैयार उत्पादों की भी प्रदर्शनी देखने को मिलेगी। हस्तशिल्प उत्पादों के भी स्टाॅल लगेंगे। सूफी नाइट और कवि सम्मेलन के साथ 25 दिसंबर को समापन होगा। कवि सम्मेलन में देश के प्रतिष्ठित कवि अपनी रचनाओं से श्रोताओं का मनोरंजन करेंगे। बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले, बग्घी और ऊंट की व्यवस्था रहेगी। ओपन माइक में युवा अपना हुनर दिखा सकेंगे।

विभिन्न समाजों के स्टाॅल पर होगा जानकारी का खजाना

अमर उजाला के इस आयोजन में शहरियों को विभिन्न समाजों और प्रांतों के स्टाॅल पर जानकारी का खजाना भी मिलेगा। विभिन्न प्रांतों के प्रतिनिधि अपने यहां के खानपान, वेशभूषा और संस्कृति की जानकारी देंगे। आयोजन में सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है, जिसमें बच्चों से लेकर युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए कुछ न कुछ आकर्षण रहेगा।

एंट्री और पार्किंग निशुल्क

इस दो दिवसीय भव्य आयोजन के दौरान प्रवेश और पार्किंग की व्यवस्था निशुल्क रहेगी।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *