इंतजार की घड़ियां खत्म हुईं। अमर उजाला और संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय संस्कृतियों के महाकुंभ संगम का आगाज बुधवार को होगा। गोमतीनगर के समतामूलक चौराहे के निकट रिवर फ्रंट पर देशभर की संस्कृतियां अपने व्यंजनों, रहन-सहन, पहनावे और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की छटा बिखेरेंगी। उद्घाटन सुबह 10:30 बजे प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह दीप प्रज्ज्वलन कर करेंगे। दिनभर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ ही शाम का मुख्य आकर्षण होंगे देश के सुप्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास।
24 और 25 दिसंबर को इस भव्य आयोजन होगा में सभी उम्र वर्ग के लिए एक ही जगह मौजूद होगा एक ऐसा महोत्सव जो दिन में गुनगुनी धूप और शाम को गुलाबी ठंड के बीच संगीत, साहित्य और मनोरंजन की त्रिवेणी से तन-मन को आनंदित कर देगा। बुधवार को आयोजन की शुरुआत वाद्ययंत्रों के बीच वैदिक मंत्रोच्चार से होगी। इसके बाद सामूहिक गणेश वंदना और लावणी नृत्य की प्रस्तुति होगी। संस्कृति विभाग की ओर से संध्या प्रजापति राजस्थानी गीत प्रस्तुत करेंगी। इसे अलावा गतका, गिद्दा और शबद कीर्तन के साथ ही कश्मीरी नृत्य, रेनू लता का गायन और संतूर की प्रस्तुति होगी। आयोजनों के क्रम में बांग्ला डांस, जोहरी लोकनृत्य, पुरबिहा गायन और बिरहा की प्रस्तुति देंगे लोक कलाकार अवधेश बालेश्वर, अंगद और संजय। स्वारा त्रिपाठी संस्कार और ब्याह गीतों की प्रस्तुति देंगी।
दोपहर 2:30 बजे पुरस्कार एवं उपकरण वितरण का आयोजन होगा। इसके बाद उड़िया समाज की ओर से नृत्य की प्रस्तुति, केरल समाज की ओर से भरतनाट्यम, बुंदेलखंडी समाज की ओर से बुंदेली राई नृत्य व पाणिग्रहण संस्कार व गीतमाला का आयोजन होगा। शाम 5 बजे गुजराती समाज की ओर से गरबा और डांडिया का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद संस्कृति विभाग की ओर से आल्हा गायन, असम समाज की ओर से बीहू नृत्य और विभिन्न बोलियों के लोकगीतों की प्रस्तुति होगी।
